दंड बैठक लगा निकलते हैं जाखड़

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अब समय बदल गया है। सनी का स्टारडम उनसा नहीं है। सनी परदे पर फिल्म बनाते हैं, हम ग्राउंड पर। हमारी पिक्वर सुपरहिट है। रोजाना 12 से 14 घंटे तक प्रचार में जुटे रहने वाले सुनील ईमानदारी से स्वीकार करते हैं कि परिवार को वक्त नहीं दे रहे हैं। रोज हिन्दी, पंचाबी और अंग्रेजी के आधा दर्जन से ज्यादा अखबार पढ़ने वाले सुनील सोशल मीडिया से दूरी बनाकर चलते हैं।

पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ 2017 में गुरदासपुर से बड़े आराम से चुनाव जीते थे लेकिन अब उन्हें सीट बरकरार रखने के लिए दंड बैठक लगानी पड़ रही है। विनोद खन्ना की सीट पर इस बार जाखड़ जीत पक्की मानकर चल रहे थे, लेकिन भाजपा से सनी देओल को उताकर हवा बदल दी है। अब मुकाबला कठिन हो गया है। सनी के स्टारडम के आगे जाखड़ आम हो गए हैं। गुरुदासपुर के बटाला क्षेत्र में नेताओं से घिरे जाखड़ से एक दम फिट रहने का राज पूछा तो बोले 65 की उम्र में भी रोज दंड-बैठक लगाता हूं। खानपान का विशेष ध्यान रखता हूं। सुनील नाश्ते में मौसमी फल और दूध लेना नहीं भूलते। दिन का खाना समर्थकों के घर खाते हैं। तेल मसाले से परहेज करते हैं। सनी के स्टारडम पर क हते हैं विनोद खन्ना आए थे तब डिश टीवी नहीं था। अब समय बदल गया है।

सनी का स्टारडम उनसा नहीं है। सनी परदे पर फि ल्म बनाते हैं, हम ग्राउंड पर। हमारी पिक्चर सुपरहिट है। रोजाना 12 से 14 घंटे तक प्रचार में जुटे रहने वाले सुनील ईमानदारी से स्वीकार करते हैं कि परिवार को वक्त नहीं दे रहे हैं। रोज हिंदी, पंजाबी और अंग्रेजी के आधा दर्जन से ज्यादा अखबार पढऩे वाले सुनील सोशल मीडिया से दूरी बनाकर चलते हैं। सुनील जाखड़ से उलट सनी देओल की पर्सनालिटी है। सन्नी के प्रति लोगों की दीवानगी पठानकोट पहुंचने से पहले ही दिखी। पहली बार महिलाएं उनके लिए झुंड में दिखाई दीं। जोशीले डॉयलॉग बोलने वाले सनी बेहद शर्मीले हैं। ढाई घंटे देरी से रोड शो में आए सनी राजनीति के सवाल से बचते नजर आए। पूछने पर सिर्फ इतना ही बोले- ऐसा लग रहा है जैसे अपने घर आया हूं। सनी रोज जिम में पुशअप लगाते हैं।

उनके साथ सेल्फी के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ती है। सुजानपुर हल्के की ओर वह निकलते हैं। गदर फिल्म की शूटिंग यहीं हुई थी। हुजूम उनके स्वागत के लिए खड़ा था। गाड़ी की सनरूफ से वह कभी हाथ जोड़ते तो कभी विक्ट्री का निशान बना वोटों की अपील करते हैं। ढाई किलो के हाथ और हिन्दुस्तान जिंदाबाद के डायलॉग बोलते हैं। देहाती महिलाएं अभिनंदन करती हैं। सनरूफ पर धूप से बचने के लिए उन्होंने लाल टोपी पहनी। काफ ले पर फेंके जा रहे फूल और मालाओं को कैच भी बखूबी कर रहे थे। करीब 7 घंटे रोड शो किया और तीन सभाओं में औसतन ढाई मिनट बोले। ढाई मिनट में भी ढाई किलो के हाथ का डॉयलॉग जरूर बोले। करीब 60 किमी के दौरे में दस हजार से ज्यादा लोग उन्हें देखने उमड़े थे।

क रीब 100 लोगों से हाथ मिलाया। कांग्रेस पर हमले करने की बजाय मोदी के नाम पर ही वोट मांगा।पत्रकार सुनील सिंह ने बताया कि विनोद खन्ना को लेकर भी लोगों में इसी प्रकार की दीवानगी थी, लेकिन पठानकोट शहर में सन्नी के लिए जिस तरह हुजूम उमड़ा है, उतना तो विनोद खन्ना के समय भी नहीं था। भाजपाई नेताओं ने बताया पठानकोट में भाजपा और आरएसएस मजबूत है। गुरुदासपुर के गांवों में कांग्रेस मजबूत है। यहां बेअदबी का मुद्दा चर्चा में रहता है। इसलिए कांटे की टक्कर है, लेकि न वोटिंग की तारीख नजदीक आते-आते सनी बढ़त ले जाएंगे। वह यह भी मान रहे हैं कि अगर सनी नहीं उतरते तो भाजपा का जीतना मुश्किल था।

अमीत कुमार निरंजन
(लेखक पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)

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