कोविड के चलते मृत व्यति के परिजनों को 50 हजार मुआवजा देने का ऐलान सराहनीय कदम है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक असमर्थ लोगों को घर पर ही हेल्थ टीमों की ओर से टीका लगाया जाएगा। इसके लिए उन्हें कहीं भी टीकाकरण के लिए आवेजन करने की जरूरत नहीं होगी। भारत में टीकाकरण सेंटर तक पहुंचने में असमर्थ लोगों के लिए केंद्र सरकार की ओर से घर में ही टीका लगाने की व्यवस्था करना और कोविड के चलते मृत व्यति के परिजनों को 50 हजार मुआवजा देने का ऐलान सराहनीय कदम है। असमर्थ लोगों को घर पर ही हेल्थ टीमों की ओर से टीका लगाया जाएगा। इसके लिए उन्हें कहीं भी टीकाकरण के लिए आवेजन करने की जरूरत नहीं होगी। इस फैसले के तहत नियर टू होम कोविड वैक्सीनेशन सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे। इस प्रस्ताव के तहत कयुनिटी सेंटर्स, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सेंटर, पंचायत बिल्डिंग, स्कूल की इमारत आदि में केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इससे दिव्यांगों और बुजुर्गों को कोरोना टीका लगवाने के लिए यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी और उन्हें नजदीक में ही टीका लग सकेगा।
सरकार के इस फैसले से टीकाकरण रफ्तार में तेजी आएगी। 60 साल से अधिक आयु के किसी भी व्यति को उसके घर के पास ही टीका लग सकेगा। 60 साल से कम आयु के दिव्यांगों को भी उनके घर के नजदीक ही वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए वे अन्य लोगों की तरह पहले से अपॉइंटमेंट ले सकते हैं। यही नहीं यदि वे चाहें तो सेंटर पर पहुंचकर ऑन साइट रजिस्ट्रेशन के जरिए भी टीका लगवा सकते हैं। देश में अब तक 75 फीसदी वयस्क आबादी को कोरोना वैसीन का कम से कम एक डोज लग चुका है और 25 फीसदी वयस्कों को दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। देश में हर्ड इयूनिटी के लिए जरूरी है कि 70 फीसदी से अधिक आबादी पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेड हो। भारत में नवंबर में तीसरी लहर आने की आशंका जताई गई है, इसे रोकने के लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक टीकाकरण हो। एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि कोविड से मृत व्यति के परिजन को सरकार 50 हजार रुपये मुआवजा देगी। पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चार लाख रुपये मुआवजे पर विचार के लिए कहा गया था। सरकार की ओर से 50 हजार रुपये मुआवजे से बहुत परिवारों का लाभ होगा।
कोरोना से निपटने में केंद्र सरकार के इंतजामों और कोविड-19 से मरने वालों के परिजनों को 50 हजार रुपये देने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने खुशी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी कहा कि वह यह देखे कि ऐसे मामलों में जहां कोरोना से परेशान होकर किसी ने आत्महत्या की हो तो उसे कोविड-19 से हुई मौत माना जाए। इस बारे में राज्यों को नए दिशा निर्देश दिए जाएं। इस निर्देश के बाद वे कोविड आत्महत्या केस के पीड़ित परिजन भी मुआवजे के हकदार होंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड से मरे लोगों को आसानी से प्रमाणपत्र देने के संबंध में दिशानिर्देश बनाए हैं। यह निर्देश राज्यों को भेजे गए हैं। इन दिशा निर्देशों में था कि जहर खाने क्या अन्य दुर्घटना के कारण यदि मृत्यु होती है तो चाहे कोविड 19 उसमें एक कारण यों न हो। उसे कोविड से हुई मौत नहीं माना जाएगा। इस पर शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कोरोना के कारण आत्महत्या करने वाले की मौत को कोविड से हुई मौत नहीं मानना स्वीकार्य नहीं है। उन्हें भी कोविड से हुई मौत का प्रमाणपत्र मिलना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि जिन केसों में यह पहले मना कर दिया गया था, उन्हें ये प्रमाणपत्र कैसे दिया जाए। सरकार इस बारे में राज्यों के लिए नए दिशानिर्देश जारी करे।