गीता सार

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खाली हाथ आए और खाली हाथ
चले । जो आज तुम्हारा है, कल और
किसी का था, परसों किसी और
का होंगा । तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो
रहे हो । बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का
कारण है ।

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