सार गीता सार By admin - January 27, 2020 0 656 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो यह शरीर अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से बना है और इसी में मिल जायेगा। परन्तु आत्मा स्थिर है।