खामोश ! कार सेल चालू है

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दीपक जी सड़क पर पार्किंग की जगह लेटे हुए ऐसे मिल गए, जैसे 5 इमरान खान चाइना के बस अड्डे पर लेटा हो। मैंने उनसे पूछा आप पार्किंग में ऐसे यों लेटे हो? या कोई तबीयत खराब है?आप बीमार हो? चलो मैं हॉस्पिटल ले चलूं! तब दीपक जी ने करवट बदली और अपने पांवों को दिल्ली तक फैलाते हुए कहा भाई साहब! बीमारी जैसी कोई बात नहीं है। मेरी पत्नी नई कार खरीदने गई है और मुझे पर्किंग में जगह मिल गई है। पार्किंग में कोई दूसरा अपनी गाड़ी खड़ी ना कर दे, इसलिए इस जगह को रोके लेटा हूं। दीपक जीने चाइना थ्योरी समझाते हुए अपनी व्यूह रचना स्पष्ट की। तभी एक पुलिस वाला आया और दीपक जी को डंडा मारते हुए कहने लगा,निकालो पार्किग का चालान! दीपक जी ने कहा किस बात की पार्किंग! कैसा चालान, पुलिस वाले ने फिर डंडा फटकारा और कहा देखो ज्यादा स्याणपति मत करो! पार्किंग की जो लाइन खींची थी उससे तुहारी टांगे बाहर थी।

दीपक जी 500 रुपये हवा में लहरा रहे थे। पुलिस वाला हजार पर अड़ा था। रिश्वत प्रबंधन पर शिखर समेलन चल रहा था। मुझे बैंक में काम था। मैंने दीपक जी को उसी अवस्था में छोड़ दिया। फिर सामने बैंक गया। बैंक में लोन लेने वालों की लंबी कतार लगी थी। उसी कतार में दीपक जी का बड़ा बेटा कुमार अमीर खड़ा मिला। मैंने उससे पूछा कि तुम लोन वाली इस लाइन में यों लगे हो, उसने जवाब दियाअंकल जी! असल में मेरी ममी आज नई कार खरीदने गई है। कार को चलाने के लिए उसमें पेट्रोल की भी जरूरत होगी। कार आई। दीपक जी जैसे ही कार में बैठकर सीट बेल्ट बांधने लगे, उनकी पत्नी जोर से चिल्लाने लगी। रोते हुए कहने लगी यों सीट बेल्ट बांध रहे हो? मेरी करवा चौथ पर विश्वास नहीं है क्या?

दीपक जी ने समझाया भाग्यवान! मुझे तुहारी करवा चौथ पर तो पूरा विश्वास है, लेकिन वो सामने जो पुलिस वाला खड़ा है, उसे केवल नोटों पर ही विश्वास है। तभी एक भिखारिन आई और बोली आंटी 100 रुपये दे दो। आंटी ने 10 रुपये निकाल कर दिए। भिखारिन ने 10 रुपये और मिलाकर 20 रुपये लौटा दिए और कहा कि इसे मेरी ओर से रख लो। भिखारी समझ रखा है या? पूरे 100 रुपये की भीख ही लगेगी। तब बड़बड़ाते हुए 100 रुपये दिए। रुपये लेकर भिखारिन जाने लगी। दीपक जी की पत्नी ने कहा इस 100 रुपये के बदले कुछ दुआएं तो देती जा! तब भिखारिन बोली, इस जमाने में कार पार्किंग के लिए जगह मिल गई। पेट्रोल के लिए लोन मिल गया। अब इससे बदकर अब कौनसी दुआ बाकी रह गई? खैर! दीपक जी की पत्नी गाड़ी चला रही थी और कुछ समय बाद एक व्यति गाड़ी से कूद गया। वह पहचान वाला व्यति निकला। उसे हॉस्पिटल ले जाया गया।

रामविलास जांगिड

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