इस बार पूरे देश की टीम

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भाजपा की नई बनी राष्ट्रीय टीम को देख कर लग रहा है कि भाजपा ने गंभीरता से साथ पार्टी को पूरे देश की पार्टी बनाने का प्रयास किया है। वैसे संगठन के लिहाज से भाजपा का विस्तार पूरे देश में हो चुका है और हर चुनाव में भाजपा को अब हर राज्य में अच्छा खासा वोट मिलता रहा है। पर हमेशा पार्टी संगठन में उत्तर भारत के नेताओं का वर्चस्व रहता है। इस बार उसे थोड़ा कम करके दक्षिण और पूर्वोत्तर के नेताओं के जरिए अखिल भारतीय रूप दिया गया है। पार्टी के नए उपाध्यक्षों की सूची में बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात आदि राज्यों के साथ साथ नगालैंड, तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश के नेताओं को भी जगह मिली है। दक्षिण के राज्यों से बिल्कुल नए नेताओं को नड्डा की टीम में शामिल किया गया है। इसी तरह दक्षिण भारत से दो नए चेहरे- डी पुरंदेश्वरी और सीटी रवि को महासचिव बना कर टीम में शामिल किया गया है। असम के सांसद दिलीप सैकिया को महासचिव और नगालैंड के एम चुब्बा आओ को उपाध्यक्ष बनाया गया है। सचिवों में भी आंध्र प्रदेश के सत्या कुमार को शामिल किया गया है।

पार्टी के युवा मोर्चा की जिम्मेदारी कर्नाटक के सांसद तेजस्वी सूर्या को दी गई है तो तेलंगाना के नेता के लक्ष्मण को ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। ओड़िशा से एक सचिव, एक उपाध्यक्ष और दो प्रवक्ता बनाए गए हैं। नरेंद्र मोदी सरकार में ओड़िशा के दो नेताओं को मंत्री भी बनाया गया है। दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों से पार्टी पदाधिकारी बना कर भाजपा ने नए इलाकों में विस्तार का इरादा दिखाया है। वैसे जेपी नड्डा ने ऐन बिहार चुनाव से पहले अपनी टीम का ऐलान किया है। इसलिए स्वाभाविक रूप से इसे बिहार चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। बिहार और झारखंड की कम से कम तीन नियुक्तियों से बिहार चुनाव में कुछ असर होने की संभावना देखी जा रही है। भाजपा अध्यक्ष ने बिहार के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया है। प्रतीकात्मक रूप से इसका बहुत महत्व है। जनता दल यू के हरिवंश नारायण सिंह को राज्यसभा का उप सभापति बनाए जाने के बाद बिहार के राजपूत नेता राधामोहन सिंह को उपाध्यक्ष बना कर राज्य के ठाकुर वोटों को लुभाने का दांव चला है।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मुद्दे को तूल देकर भी भाजपा ने ठाकुर वोट ही आकर्षित करना चाहा है। बिहार में इस वोट का रूझान राजद की ओर रहा है। भाजपा ने पहले से आरके सिंह को केंद्र में मंत्री बना रखा है। दूसरी नियुक्ति झारखंड की कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी की है। वे लंबे समय तक राजद में रही हैं और झारखंड के प्रतिष्ठित यादव परिवार से आती हैं। यादव वोटों के लिए भाजपा उनका इस्तेमाल कर रही है। उनके जरिए लालू प्रसाद के करीबी यादव वोट को मैसेज दिया गया है। भूपेंद्र यादव, नित्यानंद राय और नंदकिशोर यादव के जरिए यह काम भाजपा पहले से कर रही है। इसी तरह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को उपाध्यक्ष बनाने का इस्तेमाल भी बिहार में होना है। ध्यान रहे पिछले कुछ दिनों से रघुवर दास बिहार में सक्रिय हैं। पटना से लेकर चंपारण तक उन्होंने वैश्य वोट भाजपा के साथ और मजबूती से जोडऩे के लिए दौरा किया है। सो, ठाकुर, यादव और वैश्य वोट का समीकरण इन तीन नेताओं से साधने का प्रयास है।

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