इस बार नवरात्रि के दुर्लभ योग

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17 अटूबर से 25 अटूबर तक देवी पूजा 58 साल बाद शनि-गुरु अपनी राशियों में रहेंगे और नवरात्रि मनाई जाएगी

शनिवार, 17 अक्टूबर से देवी पूजा का नौ दिवसीय पर्व नवरात्रि शुरू हो रहा है। ये पर्व 25 अटूबर तक रहेगा। इस बार नवरात्रि की शुरुआत में 17 तारीख को ही सूर्य का राशि परिवर्तन भी होगा। सुर्य तुला में प्रवेश करेगा। तुला राशि में पहले से वक्री बुध भी रहेगा। इस कारण बुध-आदित्य योग बनेगा। इसके साथ ही 58 साल बाद शनि-गुरु का भी दुर्लभ योग बन रहा है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस नवरात्रि में शनि मकर में और गुरु धनु राशि में रहेगा। ये दोनों ग्रह 58 साल बाद नवरात्रि में एक साथ अपनी-अपनी राशि में स्थित रहेंगे। 2020 से पहले 1962 में ये योग बना था। उस समय 29 सितंबर से नवरात्रि शुरू हुई थी। इस साल नवरात्रि पूरे नौ दिनों की रहेगी। इसी दिन सूर्य तुला राशि में प्रवेश करके नीच का हो जाएगा। 17 तारीख को बुध और चंद्र भी तुला राशि में रहेंगे। चंद्र 18 तारीख को वृश्चिक में प्रवेश करेगा। लेकिन सूर्य-बुध का बुधादित्य योग पूरी नवरात्रि में रहेगा।

घोड़े पर सवार होकर आएंगी देवी: शनिवार से नवरात्रि शुरू होने से इस बार देवी का वाहन घोड़ा रहेगा। नवरात्रि जिस वार से शुरू होती है, उसके अनुसार देवी का वाहन बताया गया है। अगर नवरात्रि सोमवार या रविवार से शुरू होती है तो देवी का वाहन हाथी रहता है। शनिवार और मंगलवार से नवरात्रि शुरू होती है तो वाहन घोड़ा रहता है। गुरुवार और शुक्रवार से नवरात्रि शुरू होने पर देवी डोली में सवार होकर आती हैं। बुधवार से नवरात्रि शुरू होती है तो देवी का वाहन नाव रहता है।

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