आप चैंपियन हैं शेरनियों : जान लड़ाना इसे कहते हैं, हारकर भी देश का दिल जीत गई अनिल कुमार

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भारत की बेटियों ने तोक्यो ओलिंपिक में आपने जिस तरह से खेल दिखाया आप निश्चित रूप से चैंपियन हैं। आपके लिए ये हार नहीं बल्कि जीत है। जीत उस धारणा के खिलाफ जो लोगों के मन में थी। आपने इस ओलिंपिक में जो यादगार सफर तय किया है लोगों ने तो इस बारे में बिल्कुल भी सोचा नहीं होगा। बेहद मजबूत मानी जानी वाली ऑस्ट्रेलिया पर जिस तरह आप लोगों ने जीत हासिल की उससे आप लोगों ने यह दिखा दिया कि जज्बा हो तो बड़ी से बड़ी टीम को हराया जा सकता है। लड़कियों आज आपने जिस तरह से खेला शायद जान लड़ाना इसे ही कहते हैं। आप लोग भले ही मैच हार गई हों लेकिन आपने पूरे देश का दिल जीत लिया है।

पहले क्वॉर्टर तक दोनों टीमों ने गजब का गेम दिखाया। कई मूव बने पर कोई गोल नहीं कर पाया, लेकिन दूसरे क्वार्टर में ग्रेट ब्रिटेन की टीम बदली हुई रणनीति से मैदान में उतरी। बेहद आक्रामक खेल की शुरुआत करते हुए उसने शुरुआत के 5 मिनट में ही गोल कर 1-0 की बढ़त बना दी। इसके ठीक बाद पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया, लेकिन उसे वे गोल में तब्दील नहीं कर पाए।

दूसरे क्वार्टर के खत्म होने से 10 मिनट पहले पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया ,लेकिन गोल करने से चूक गईं। दूसरे क्वर्टर के खत्म होने से साढ़े 6 मिनट पहले ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने एक और गोल दागकर भारतीय टीम को दबाव में ला

भारत ने इसके बाद जवाबी हमला करते हुए दूसरे क्वार्टर के खत्म होने से 5 मिनट पहले एक के बाद एक दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए। इस बार कोशिश कामयाब रही। भारतीय टीम ने बढ़त को कम कर 2-1 कर दिया। गुरजीत ने शानदार गोल दागा।

दूसरे क्वार्टर के खत्म होने से पहले भारतीय टीम ने पूरी जान झोंक दी। और चार मिनट पहले जोरदार मूव बनाते हुए पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर गुरजीत ने फिर गोल कर दिया।

हाफ टाइम से ठीक पहले वंदना कटारिया ने गोल दागकर भारत की बढ़त को 3-2 कर दिया। दूसरे क्वॉर्टर में गोल की बरसात ही हो गई। 15 मिनट में 5 गोल हुए, जिसमें से शुरुआती दो गोल ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने किए, बाकी 3 गोल भारतीय टीम ने दागे।

तीसरे क्वॉर्टर खत्म होने से पहले ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने जवाबी गोल दागकर स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद भारतीय टीम ने भी फिर गजब का मूव बनाते हुए तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से साढ़े 10 मिनट पहले पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया, पर बढ़त का यह मौका

हाथ से चला गया। चौथे वार्टर में गोलकीपर सविता ने बेहतरीन तरीके से गोल का बचाव किया। अंतिम वार्टर में दोनों टीमों ने एक दूसरे पर लगातार गोल करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की। जिस तरह भारतीय लड़कियां लड़ीं, देश को उन पर नाज है।

अनिल कुमार
(लेखक खेल पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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