साल में 3 बार तीज का त्योहार मनाजा जाता है। पहली हरितालिका तीज, दूसरी हरियाली तीज और तीसरी कजरी तीज। भादो मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाने वाली जीत को कजरी तीज के नाम से जाना जाता है। इस बार कजरी तीन 18 अगस्त को पड़ रही है। यह तीज शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन को अच्छा रखने के लिए करती हैं। इसके साथ ही माना जाता है कि अगर किसी लड़की की शादी में देरी या पिर कोई न कोई बाधा आ रही है तो इस व्रत को जरूर रखें। उसका विवाह जल्द हो जाएगा। साथ ही सुयोग्य वर की प्राप्ति होगी।
कजरी तीज का शुभ मुहूर्त
तृतीया तिथि प्रारंभ – रात 10 बजकर 48 मिनट से (17 अगस्त)
तृतीया तिथि समाप्त – सुबह 1 बजकर 13 मिनट से (19 अगस्त) चन्द्रोदय के बाद खोला जाता है व्रत
यह व्रत काफी हद तक करवाचौज की तरह होता है। इसमें पूरे दिन व्रत रखते हैं और शाम को चन्द्रोदय के बाद व्रत खोला जाता है। कजरी तीन के दिन जौ, गेहूं चने और चावल के सत्तू में घी और मेवा मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। चन्द्रोदय के बाद भोजन करके व्रत तोड़ा जाता है। इस दिन घर में झूला डाला जाता है और औरतें इसमें झूलकर अपनी खुशी व्यक्त करती है। इस दिन औरतें अपनी सहेलियों के साथ एक जगह एकत्र होती हैं और पूरे दिन कजरी के गीत गाते हुए नृत्य करती हैं। इस दिन विशेषतौर पर गाय की पूजा की जाती है।