प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी यानी तेरहवीं तिथि को किया जाता है। इस तरह ये महीने में दो बार किया जाने वाला व्रत है। ये व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए किया जाता है। इसमें प्रदोष काल के दौरान भगवान शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। सूर्यास्त के बाद यानी दिन और रात के मिलन की घड़ी को प्रदोष काल कहा जाता है। शिव पुराण के अनुसार इस समय भगवान शिव की पूजा से हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं। ग्रंथों के अनुसार चंद्रमा ने सबसे पहले भगवान शिव का ये व्रत किया था। इस बार 18 जून गुरुवार को ये व्रत किया जाएगा। इस बार गुरुवार को प्रदोष तिथि पड़ रही है। इसीलिए इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। गुरुवार के दिन प्रदोष का संयोग बनने से इस दिन की गई शिव पूजा से सौभाग्य बढ़ेगा। दांपत्य जीवन के लिए भी ये व्रत खास हो गया है।
इसके साथ ही इस दिन शिव-पार्वती पूजा करने से हर तरह के दोष खत्म हो जाएंगे और भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होगी। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर रजत भवन में नृत्य करते हैं। इस दौरान देवता भगवान शिव की स्तुति करते हैं। इसलिए इस समय पूजा करने से सभी दोष खत्म हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत में भगवान शिव-पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। यह व्रत सोमवार के दिन पड़ता है और जो भी इस व्रत को करता है उसकी मनोकामना पूरी होती है। मंगलवार को प्रदोष व्रत करने वाले को रोगों से मुक्ति मिलती है। ये व्रत अगर बुधवार को हो तो हर तरह की इच्छा पूरी होती हैं। गुरुवार को प्रदोष व्रत करने वाले के शत्रुओं का नाश होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। शुक्रवार को पडऩे वाले प्रदोष व्रत को भृगु प्रदोष कहा जाता है। जीवन में सौभाग्य वृद्धि के लिए ये प्रदोष व्रत किया जाता है। शनिवार को आने वाले प्रदोष व्रत को करने से पुत्र प्राप्ति होती है और रविवार को प्रदोष व्रत करने से निरोगी रहते हैं।
आज से 6 ग्रह वक्री: 18 से 25 जून के बीच बुध से राहु-केतु तक सभी ग्रह वक्री रहेंगे। 6 ग्रहों की ऐसी स्थिति अपने आप में दुर्लभ संयोग ही है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र बताते हैं कि कोई ग्रह वक्री होता है तो पृथ्वी से कुछ इस तरह दिखाई देता है जैसे वो बहुत धीरे या उल्टी चाल से पीछे की ओर चल रहा है। ज्योतिष ग्रंथों में वक्री ग्रहों का खास असर बताया गया है। पं. मिश्र के अनुसार आने वाले दिनों में 6 ग्रहों की ऐसी स्थिति ज्यादातर लोगों के लिए शुभ रहेगी। ज्योतिषाचार्य पं. मिश्र ने बताया कि 18 जून को बुध मिथुन राशि में वक्री हो जाएगा। इसके पहले से शुक्र वृष राशि में वक्री है। गुरु और शनि दोनों मकर राशि में वक्र चल रहे हैं। इनके अलावा राहु और केतु हमेशा ही वक्री चाल से चलते हैं। 18 से 25 जून के बीच बनने वाली इस स्थिति से कई लोगों के जीवन में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
ग्रहों की स्थिति से मेष, वृष, सिंह, कन्या और मीन राशि वाले लोगों को धन लाभ हो सकता है। इन 5 राशियों को किस्मत का साथ भी मिलेगा। इन लोगों के लिए तरक्की और फायदे का समय भी है। इनके अलावा कर्क, वृश्चिक, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए समय सामान्य रहेगा। इन 4 राशियों पर सितारों का मिला-जुला असर पड़ेगा। मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। जॉब, बिजनेस, लेन-देन, निवेश और सेहत के मामलों में इन 3 राशि वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढय्या चल रही है। इनके अलावा धनु राशि वाले लोगों पर साढ़ेसाती है। इसलिए इन 3 राशि वाले लोगों को खासतौर से सावधान रहना होगा। शनि के प्रभाव से इन राशि वाले लोगों को धन हानि हो सकती है। अपने ही लोगों से विवाद हो सकता है। चोट लगने और दुर्घटना होने की भी आशंका है