16 अक्टूबर शुक्रवार को अमावस्या के साथ ही अधिक मास खत्म हो जाएगा। ये अधिक मास का आखिरी दिन रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अश्विन महीने में अधिक मास होने से ये हिंदी महीना 60 दिनों का हो गया है। जो कि 3 सितंबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक रहेगा। इस बीच 18 सितंबर से अधिक मास शुरू हो गया था। अधिक मास का पहला और आखिरी दिन शुक्रवार होना शुभ फलदायी रहेगा। वहीं, इस शुक्रवार को अमावस्या का होना खास संयोग बना रहा है। इस तरह अधिक मास के आखिरी दिन भी खरीदारी का विशेष मुहूर्त रहेगा।
इस दिन फर्नीचर, कपड़े और विलासिता से जुड़ी चीजों की खरीदारी करना शुभ है। ये अश्विन महीने की दूसरी अमावस्या रहेगी। इस दिन पितरों की विशेष पूजा करने का भी विधान है। पं. मिश्र ने बताया कि पिछले महीने यानी 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ पितृपक्ष खत्म हो गया था। आमतौर पर श्राद्धपक्ष के खत्म होते ही अगले दिन से नवरात्र शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार 18 सितंबर से अधिक मास शुरू हो गया। तिथियों की घट-बढ़ को व्यवस्थित करने के लिए बनाई गई इस एक महीने की व्यवस्था के कारण इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होंगे और 25 अक्टूबर तक रहेंगे। इस दौरान ऋतु परिवर्तन भी होगा। इसलिए शारदीय नवरात्र तो शरद ऋतु में शुरू होंगे लेकिन दशहरा हेमंत ऋ तु में मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के अश्विन महीने की शुरुआत 3 सितंबर से हो गई थी।
इस महीने का कृष्णपक्ष यानी शुरुआती 15 दिनों तक श्राद्ध थे। इस तरह 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या पर शुद्ध अश्विन महीने का कृष्णपक्ष खत्म हो गया। इसके अगले दिन से अधिक मास शुरू हो गया। जो कि 16 अक्टूबर तक रहेगा। 17 अक्टूबर को शुद्ध अश्विन महीने के बचे हुए 15 दिनों की शुरुआत नवरात्रि से होगी। इस तरह 31 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के साथ शुद्ध अश्विन महीना खत्म हो जाएगा। पं. मिश्र बताते हैं कि 17 अक्टूबर को नवरात्र घट स्थापना के साथ ही अश्विन महीने का शुक्लपक्ष शुरू हो जाएगा। जिसके शुरुआती नौ दिन 25 तक होंगे और इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा।