भाजपा की नेता और भारत की लोकसभा-अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने घोषणा की है कि वे इस बार संसद का चुनाव नहीं लड़ेंगी। मप्र के भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में उनका नाम नहीं था। उन्होंने अपनी बेइज्जती का इंतजार नहीं किया। वे अपने आप मैदान से बाहर हो गईं ?
क्या सुमित्रा महाजन जैसा कोई अन्य सांसद आज तक भारत में पैदा हुआ है? वे ऐसी पहली महिला सांसद हैं, जो एक ही क्षेत्र (इंदौर) से 8 बार सांसद चुनी गई हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में उनका नाम दर्ज है। यदि वे 9 वीं बार लड़तीं तो अब भी जीतकर ही आतीं। सुमित्राजी को मैं अपनी छोटी बहन के तौर पर ही पिछले 40-45 साल से जानता रहा हूं। उनके पति जयंतजी और राजेंद्र सांघी मेरे अभिन्न मित्र थे। दोनों वकील थे। दोनों स्वर्गीय मित्रों के स्मृति में इंदौर के पितृ-पर्वत पर जो दो वृक्ष लगे हुए हैं, मैंने जीते-जी उन दोनों वृक्षों के बीच में अपने नाम का वृक्ष भी लगा दिया है।
सुमित्राजी इंदौर से जब चुनाव लड़तीं तब मेरे पिताजी और छोटे भाई उनका सक्रिय समर्थन करते थे। सुमित्राजी पर हम इंदौरवासियों को सदा गर्व रहता है। उनके जैसे विनम्र, सेवाभावी और निष्कलंक राजनेता देश में कितने हैं? मैं लगातार मानता रहा, कहता रहा कि कि आपसे बढ़िया कोई उम्मीदवार मुझे किसी पार्टी में नहीं दिखता। आप लड़िए। आप जीतेंगी। आज उन्हें सिर्फ इसलिए हटना पड़ रहा है कि वे 12 अप्रैल को 76 वर्ष की हो जाएंगी। इन पर भी 75 वर्ष की तलवार लटका दी गई है।
अरे नरेंद्र भाई और अमित भाई, उनसे आपको कोई खतरा नहीं है। वे आडवाणी और जोशी नहीं है। जरा ब्रिटिश संसद की परंपरा देखिए। वहां स्पीकर के खिलाफ कोई भी पार्टी अपना कोई उम्मीदवार खड़ा ही नहीं करती है। वह निर्विरोध चुनकर आता है। मैं तो चाहता हूं कि भाजपा उन्हें इंदौर से खड़ी करे और कांग्रेस उन्हें निर्विरोध चुनकर लोकसभा में भेजे। इससे दोनों पार्टियों की इज्जत बढ़ेगी और एक नयी व शानदार परंपरा स्थापित होगी। लोकसभा अध्यक्ष के पद की गरिमा और निष्पक्षता में चार चांद लग जाएंगे।
डॉ वेद प्रताप वैदिक
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार है