वैज्ञानिकों ने बनाया स्पेशल डायट प्लान

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दुनिया भर के 37 विज्ञानिकनों ने एक साथ मिलकर ऐसा स्पेशल डायट तैयार किया है जिसे अगर सभी लोग फॉलो करना शुरू कर दें तो इससे न हमारी सेहत के साथ-साथ धरती भी सुरक्षित रहेगी और साल 2050 तक 1 हजार करोड़ लोगों का पेट भी भरा जा सकेगा।

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर धरती पर मौजूद सभी लोग अपनी डायट में रेड मीट और शुगर में 50 प्रतिशत की कमी कर दें और उसकी जगह फल और सब्जियां ज्यादा खाना शुरू कर दें तो हर साल समय से पहले मरने वालों की संख्या में कमी लायी जा सकेगी। EAT-Lancet कमिशन के तहत दुनियाभर के 37 वैज्ञानिक एक साथ आए और उन्होंने मिलकर द प्लैनेट्री हेल्थ डायट नाम का यह डायट तैयार किया।

वैज्ञानिकों को इस डायट को तैयार करने में 2 साल का वक्त लग गया और क्लाइमेट चेंज से लेकर न्यूट्रिशन तक को शामिल किया गया। फिलहाल दुनिया की आबादी 7.7 बिलियन है जो 2050 तक बढ़कर 10 बिलियन यानी 1 हजार करोड़ हो जाएगी और इतनी बड़ी आबादी का पेट भरने के लिए सभी को अपने खान-पान में बदलाव करने की जरूरत है।

हर दिन क्या खाएं, कितना खाएं
हम आपको बता रहे हैं कि इस डायट के मुताबिक आपको हर दिन क्या और कितना खाना है-
नट्स- 50 ग्राम प्रति दिन
बीन्स, दाल, फलियां, छोला-राजमा आदि- 75 ग्राम प्रति दिन
फिश- 28 ग्राम प्रति दिन
अंडे- 13 ग्राम प्रति दिन
रेड मीट- 14 ग्राम प्रति दिन
चिकन- 29 ग्राम प्रति दिन
होल ग्रेन (ब्रेड और राइस)- 232 ग्राम प्रति दिन
स्टार्च वाली सब्जियां- 50 ग्राम प्रति दिन
डेयरी- 250 ग्राम प्रति दिन
सब्जियां- 300 ग्राम प्रति दिन
फल- 200 ग्राम प्रति दिन
शुगर- 31 ग्राम प्रति दिन
ऑइल- 50 ग्राम प्रति दिन

सभी को अपनी डायट में करना होगा बदलाव
वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरोप और नॉर्थ अमेरिका के लोग रेड मीट का सेवन बहुत ज्यादा करते हैं लिहाजा उन्हें उसमें कमी करने की जरूरत है जबकि ईस्ट एशिया के लोगों को मछली के सेवन में कमी करने की और अफ्रीका के लोगों को स्टार्च वाली सब्जियों के सेवन में कमी करने की जरूरत है। ऐसे में अगर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद लोग अपनी डायट में अलग-अलग तरह का बदलाव करें तो एक परफेक्ट डायट तैयार हो जाएगी। इससे न सिर्फ आप हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर जैसी कई बीमारियों से बचे रहेंगे बल्कि हर साल करीब 1 करोड़ लोगों की जो समय से पहले मौत हो जाती है उसे भी रोका जा सकेगा।

धरती को कैसे होगा फायदा
– इस तरह के डायट प्लान से ग्रीन हाउस गैस एमिशन में कमी आएगी जो क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी वजह है
– धरती पर इस वक्त मौजूद नस्लों और प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाया जा सकेगा
– पानी की बर्बादी रोकने में मदद मिलेगी और पानी बचेगा
– खेती योग्य भूमि को बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी

हालांकि सिर्फ डायट बदलने से बहुत ज्यादा फायदा तब तक नहीं होगा जब तक खाने की बर्बादी को न रोक दें। EAT-Lancet कमिशन अपनी इस रिपोर्ट और इसके नतीजों को WHO के साथ-साथ दुनियाभर के देशों की सरकार के पास भी लेकर जाएगा ताकि लोगों के खानपान के तरीकों में बदलाव किया जा सके।

1 COMMENT

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