लापरवाही हो सकती है घातक

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अनलॉक-1 में सरकार लॉकडाउन के नियमों में शिथिलता देखी जा रही है। शीघ्र ही कन्टेन्मेंट क्षेत्र व दिवस के नियमों में भी परिवर्तन किया गया है। सरकार छूट देने के साथ ही बचाव के उपायों का पालन करने की भी अपील कर रही है, परन्तु लोग बचाव के नियमों के पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं जबकि सबको मालूम है कि कोरोना संक्रमण से बचाव ही सर्वोाम इलाज है। फिर भी लोग सड़कों पर बिना मास्क लगाये घूम रहे हैं। बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। दुकानदार व सेवा क्षेत्र के कार्मिक कोरोना संक्रमण के आसान निशाना हो सकते हैं। क्योंकि इन्हें लगातार अजनबी लोगों के सम्पर्क में आना पड़ता है। फिर भी इस क्षेत्र के लोग भी लापरवाही बरत रहे हैं। दुकानों में बिना मास्क लगाये दुकानदार देखे जा सकते हैं। बिना मास्क लगाये ग्राहक को बिक्री न करने की भी एडवाइजरी जारी है। परन्तु उपरोक्त सलाह की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। रोक के बावजूद गुटका बिक रहा है और लोग धड़ल्ले से खाकर थूक रहे हैं। यदि लोग गुटका नहीं खाते तो इसकी बिक्री भी नहीं होती।

गुटका खाकर थूकने से संक्रमण फैलने की काफी संभावना बन जाती है। लोग संक्रमण को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। शायद जरा सी लापरवाही व चूक से किसी को भी हो सकता है। संक्रमण से बचाव के सारे उपाय जानते हुए भी अनजाने में हुई चूक के चलते कई चिकित्सक अपने प्राण गवां चुके हैं और उनके परिजन भी संक्रमण के शिकार हुए। पैरामेडिकल स्टाफ भी संक्रमण की जद में आ चुके हैं। ऐसे में साधारण व्यक्ति को संक्रमण को लेकर काफी सतर्क रहना चाहिये। यह सिर्फ अपना बचाव नहीं है वरन पूरे समाज का बचाव है। हम अपने को बचा कर पूरे समाज के लिए समाजसेवा का कार्य कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सभी लोग लापरवाही बरत रहे हैं परन्तु कुछ लोगों की लापरवाही से पूरे समाज को नुकसान उठाना पड़ सकता है, उधर प्रशासन को भी सख्ती बरतनी चाहिये। पुलिस इक्का-दुक्का चालान करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ले रही है। बहुत से लोग मनाही के बावजूद देर रात को अपने वाहनों से घूमते दिखाई दे रहे हैं। इन पर कार्रवाई की जानी चाहिये। महानगरों के अतिक्रमण व ट्रैफिक का बुरा हाल है।

इसके चलते बाजारों में जाम की स्थिति बन जाती है। ऐसे में कोई राहगीर चाहकर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर सकता। पुलिस व प्रशासन को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। अनलॉक-1 में सरकारी कार्यालय खुल गये हैं। सरकारी विभागों व उनसे सम्बद्ध कार्यालयों के कर्मचारी भी संक्रमित हो रहे हैं। राजकीय रेलवे पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल, पुलिसकर्मी पहले से संक्रमित हो रहे थे। परन्तु अब इसका प्रकोप अन्य सरकारी व सम्बद्ध कार्यालयों तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के बहुत से कर्मचारी व उनके परिजन संक्रमण के शिकार हुए हैं। कई चिकित्सक भी इसके जद में आये है। सरकार को इस बात की जांच करानी चाहिए कि किस स्तर से चूक हुई है कि उपरोक्त कर्मियों को संक्रमण हुआ। जिन बचाव के उपायों में कमी दिखाई दे या नये उपाय लागू करने की बाध्यता सामने आये उसे तत्काल अमल में लाना चाहिये। सरकार को सरकारी कार्यालयों में संक्रमण के बचाव के लिए विशेष उपाय करने चाहिये। साथ में बचाव के नियमों के पालन को लेकर भी सख्ती व उच्चस्तरीय निरीक्षण किया जाना चाहिये।

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