मंदी पर मनमोहन की सलाह

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर पसर रही मंदी को लेकर मोदी सरकार के तौरतरीकों पर सवाल उठाये हैं। उनका सीधा कहना है कि यह वक्त सच्चाई से नजर चुराने का नहीं है। हालांकि इस सलाह के बीच औद्योगिक उत्पादन में इजाफा हुआ हैए लेकिन जिस तरह कई महत्वपूर्ण संस्थानों से शट डाउन की खबरें और खासतौर पर आउटसोर्सिंग से लिए गये कर्मचारियों पर छंटनी के बादल गहराने लगे हैं, उससे चिंता बढऩा लाजिमी है। वैसे यह तो नहीं कहा जा सकता कि सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है लेकिन फौरी हालात ऐसे बन पड़े हैं कि औद्योगिक घरानों से लेकर आम आदमी तक एक अनिश्चितता का भाव घनीभूत हुआ है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। जहां तक सियासी शोर-शराबे की बात है, तो यह स्वाभाविक है। यही वह क्षेत्र है जहां सीधे तौरपर सरकार भी जवाब नहीं दे पा रही है। एक और वजह भी है। वह हाल फिलहाल तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ज्यादा जोरदार तरीके से सियासत हो रही है।

सुस्ती से जूझ रही अर्थव्यवस्था के लिए औद्योगिक मोर्चे से एक और बुरी खबर आयी है। जुलाई में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर घटकर 3-4 फीसदी रही, जो एक साल पहले इसी महीने में यह 6.5 प्रतिशत थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक आईआईपी के आधार पर मापी जाने वाली औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर में यह गिरावट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण आयी है। सांख्यकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में सीपीआई आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 2.99 फीसदी रही, जो जुलाई में 2.36 फीसदी रही थी। अगस्त 2018 में खुदरा महंगाई दर 3.69 फीसदी रही थी। केंद्र सरकार ने आरबीआई से महंगाई दर लगभग चार फीसदी के दायरे में रखने को कहा है। कहा यह भी जा रहा है देश के बैंकिंग सिस्टम की कमजोर निर्णय शक्ति और कारों में एयरबैग्स और एबीएस जैसे सेफ्टी फीचर्स जोडऩे की शुरुआत के कारण कारें महंगी होती चली गईं और दुपहिया वाहन चलाने वालों की पहुंच से बाहर होती चली गईं।

यह क हना है देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव का। आम आदमी के लिए एंट्री लेवल कारें खरीदना महंगा हो गया है। अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती और इस पर केंद्र सरकार के रवैये को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एनडीए सरकार पर जोरदार हमला किया है। पूर्व प्रधानमंत्री ने सरकार को चेताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को अखबारों में सुर्खियां बटोरने की राजनीति से बाहर निकलने और देश के समक्ष आर्थिक चुनौतियों से निपटने की जरूरत है। मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार पर हमला ऐसे वक्त बोला है, जब सरकार यह मानने से इनकार कर रही है कि अर्थव्यवस्था किसी संकट से घिरी है। सरकार ने हालांकि अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए बीते दिनों कई उपायों की घोषणा की है। अर्थव्यवस्था की गिरती सेहत पर मनमोहन सिंह ने कहा कि अपने काम के बारे में बातें करना मोदी सरकार का विशेषाधिकार है, लेकिन सरकार ज्यादा समय तक अर्थव्यवस्था की हालत से इनकार नहीं कर सकती। भारत बेहद चिंता में डालने वाली आर्थिक सुस्ती के भंवर में फंसा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि मोदी सरकार वक्त रहते आशंकाओं के बादल छंटने के लिए जो भी वाजिब होगा, करेगी। इसलिए भी कि बम्पर जनादेश पर जिम्मेदारी भी बम्पर होती है, जिस तरफ मनमोहन सिंह ने भी ध्यान दिलाया है।

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