गौतम बुद्ध ने अपने उपदेशों में कहा है
कि मनुष्य को अपने भूलकाल अर्थात अपने
बीते कल के बारे में नहीं सोचना चाहिए और न ही भविष्य की चिंता करनी चाहिए,
बल्कि मनुष्य को अपने आज यानि की वर्तमान को सुनहरा बनाने के लिए सोचना चाहिए ,
तभी वे अपने जीवन में सुखी रह सकते हैं।