बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार नहीं बुधवार को होती है शिव पूजा, श्रावण में जरूर जाएं

0
568

लखनऊ के ऐतिहासिक बुद्धेश्वर महादेव मंदिर को लेकर कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। मंदिर के इतिहास के बारे में बताया जाता हैं कि पहले यहाँ एक गुफा थी। जब भगवान शिव से वरदान पाकर भस्मासुर नामक राक्षस भगवान शिव का ही वध करना चाह रहा था तो भगवान शिव भस्मासुर से बचने के लिए इसी गुफा में कई दिनों तक छिपे रहे थे।

भगवान शिव की आराधना कर भक्ति से शक्ति प्राप्त करने का पवित्र माह श्रावण शुरू हो गया हैं। भगवान शिव की आराधना में अब शिव भक्त पूरी तरह लीन हो जाएंगे। पृथ्वी पर अनेक चमत्कारिक शिव मंदिर हैं। जहाँ श्रावण माह में शिव के दर्शन एवं पूजन वंदन करने का एक अलग ही महत्व हैं। आज हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहें हैं जहाँ का इतिहास वर्षो पुराना हैं। जहाँ सोमवार को नहीं बल्कि बुधवार को शिव की पूजा होती हैं। उत्तार प्रदेश के लखनऊ का बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव खुद भस्मासुर राक्षस से बचने के लिए आए थे। बताया जाता हैं कि आज भी यहां भगवान शिव का वास है।

सोमवार नहीं बुधवार को होती हैं शिव पूजा –

देशभर के मंदिरों में भगवान महादेव की विशेष पूजा सोमवार को होती हैं। लेकिन लखनऊ का बुद्धेश्वर मंदिर एक मात्र ऐसा मंदिर हैं जहाँ पर भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना, अभिषेक तथा महाआरती बुधवार को होती हैं। इतना ही नहीं यहाँ पर श्रावण माह में भी बुधवार को ही भगवान शिव की पूजा होती हैं और श्रावण माह में आने वाले हर बुधवार को बुद्धेश्वर मंदिर में भव्य मेला लगता हैं।

भस्मासुर से बचने के लिए यहीं छुपे थे महादेव-

लखनऊ के ऐतिहासिक बुद्धेश्वर महादेव मंदिर को लेकर कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। मंदिर के इतिहास के बारे में बताया जाता हैं कि पहले यहाँ एक गुफा थी। जब भगवान शिव से वरदान पाकर भस्मासुर नामक राक्षस भगवान शिव का ही वध करना चाह रहा था तो भगवान शिव भस्मासुर से बचने के लिए इसी गुफा में कई दिनों तक छिपे रहे थे। जिसके बाद से ही यहाँ भगवान शिव का वास माना जाता हैं। आज यहाँ भगवान शिव का विशाल मंदिर बना हुआ हैं।

इसलिए बुधवार को होती हैं यहाँ शिव पूजा-

लखनऊ का बुद्धेश्वर महादेव मंदिर भारत का सम्भवत: पहला ऐसा शिव मंदिर होगा जहाँ भगवान शिव की विशेष पूजा बुधवार को की जाती हैं। बुधवार को पूजा करने को लेकर भी यहाँ इतिहास जुड़ा हुआ हैं। बताया जाता हैं कि त्रेतायुग में जब लक्ष्मण भगवान राम और सीता को जब चित्रकूट छोडऩे जा रहे थे तब यहाँ से गुजरते समय उन्होंने भगवान शिव का मंदिर देखा और पूजा करने का मन बनाया। भगवान राम ने शिवजी की विशेष पूजा की थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here