अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। नए राष्ट्रपति जो बाडेन ने शपथ लेकर पहले दिन ही उन सभी फैसलों को निरस्त कर दिया है, जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में लिए गए थे। यहां तक कि मुस्लिम देशो से अमेरिका आगमन पर लगी पाबंदी वाले फैसले को निरस्त कर दिया। उनकी कार्यशैली से लग रहा है कि जो बाइडेन की गतिविधियां ट्रंप विरोधी होंगी। फिलहाल अमेरिका के लिए कोरोना वायरस से निपटना एक बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए बाइडेन की या रणनीति होगी यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इससे निपटना बहुत जरूरी है, क्योंकि अमेरिका कोरोना की श्रेणी में दुनिया का पहला देश है। जहां लगभग ढाई करोड़ लोग कोरोना पीडि़त हैं। लगभग चार लाख लोगों की मौत हो चुकी है। यह सब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना को हल्के में लेने का ही परिणाम है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद संभालने से पहले ही कोरोना महामारी को लेकर जो चिंता और समझ दिखाई है, वह आश्वस्त करने वाली है। इससे अमेरिका में मरे चार लाख लोगों के प्रति श्रद्धांजलि जताने की जरूरत उन्होंने महसूस की, यह भी भरोसा बंधाने वाला है।
वरना, डोनाल्ड ट्रंप के दौर में अमेरिका किस हाल में पहुंच गया, उसे समझने के लिए द बाइबिल इन ए ईयर नाम के पॉडकास्ट को सुन लेना ही काफी है। पिछले चंद दिनों के भीतर इस पॉडकास्ट को चालीस लाख बार डाउनलोड किया गया है। इस पॉडकास्ट में एक पादरी माइक श्मिट्स की आवाज है। हर दिन आने वाले इस पॉडकास्ट में कुल 365 एपिसोड शामिल होंगे। श्मिट्स अपने इस पॉडकास्ट में हर दिन बाइबिल पढ़ते हैं और उस पर चर्चा करते हैं। श्मिट्स के प्रवता लॉरैन जॉयस का पॉडकास्ट की लोकप्रियता के बारे में कहना था कि हम समझते हैं कि यह एक भूख को पूरा कर रहा है। इस पॉडकास्ट ने द न्यूयॉर्क टाइम्स के न्यूज शो- द डेली को पीछे छोड़ दिया है। फादर श्मिट्स को पिछले साल वसंत में उस वत इस पॉडकास्ट का आइडिया आया, जब अमेरिका कोविड-19 की पहली लहर से जूझ रहा था। अमेरिका दुनिया भर में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। अब तक वहां संक्रमण के 2.4 करोड़ मामलों के साथ लगभग चार लाख मौतें हो चुकी हैं। अब भी वहां हर दिन एक से दो लाख कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं।
कोरोना के टीकाकरण अभियान के बावजूद लोगों में चिंता और डर है। जानकार पादरी के पॉडकास्ट की कामयाबी का कारण महामारी से पैदा स्थिति को मानते हैं। उनके मुताबिक खासकर इन दिनों बहुत से बुजुर्ग लोग संक्रमण के डर से चर्च नहीं जा पा रहे हैं। और मौत का भय लोगों को ईश्वर को याद करने के लिए मजबूर कर रहा है। धार्मिक पॉडकास्ट कोई नई चीज नहीं है। लेकिन अब तक उनकी मांग सिर्फ एक सीमित वर्ग तक ही रहती थी। लेकिन महामारी ने बहुत सी चीजें बदली हैं। द बाइबिल इन ए ईयर को मिली कामयाबी भी इसी बदलाव का हिस्सा है। अगर अमेरिका में महामारी इतनी मारक नहीं होती, तो शायद ये हाल नहीं होता। लेकिन जब लोग मुसीबत में हों, तो ईश्वर का ही सहारा बचता है। ट्रंप इसी हाल में अमेरिका को छोड़ गए हैं। अब बाइडेन प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि वह कोरोना वायरस से निपटने के लिए ऐसी रणनीति बनाएं कि जिससे देश की आर्थिक व्यवस्था भी प्रभावित न हो और इस महामारी का भी खात्मा हो जाए। बाइडेन को अमेरिका की आर्थिक व्यवस्था को भी मजबूत बनाना होगा।