प्रभात की खबर सही साबित

0
631

लखनऊ। प्रभात ने सबसे पहले प्रकाशित किया था कि यूपी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की योगी सरकार की तैयारी है। पुलिस सुधार के वास्ते मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई। मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी से ये फैसला अमल में आ जाएगा। अभी लखनऊ व नोएडा में पुलिस कमिश्नर तैनात करने को मंजूरी मिली है।

आर्थिक राजधानी नोएडा में अपर पुलिस महानिदेशक रैंक के अधिकारी आलोक सिंह को और लखनऊ में भी एडीजी सुजीत पांडेय को पुलिस कमिशनर बनाया गया है। जहां इन दोनों जिलों के डीएम के अधिकार कम हुए हैं, उनका काम केवल विकास कार्यों पर फोकस करना होगा। उनके 14 अधिकार अब पुलिस कमिश्नर के पास होंगे। लखनऊ व मेरठ के आईजी व एडीजी के रोल भी घटा दिए गए हैं। आने वाले समय में गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, मेरठ, अलीगढ़ व बरेली के नाम भी इस सिस्टम के साथ जोड़े जाएंगे। यूपी में सीएम योगी के सत्ता संभालने के बाद इस सिस्टम के लिए कवायद शुरू तो हुई थी,

लेकिन ब्यूरोक्रेसी के दबाव में बात अंजाम तक नहीं पहुंच पाई थी। वैसे देश के 15 राज्यों के 71 शहरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली पहले से लागू है। वैसे अंग्रेज भी आजादी से पहले भारत में इसी प्रणाली के जरिए राजपाट हांकने का काम करते थे। कैबिनेट मीटिंग में लिए गए निर्णयों का जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 50 वर्षों में पुलिस सुधार का सबसे बड़ा कदम उठाया है। लखनऊ और नोएडा में हम पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू कर रहे हैं। समय- समय पर विशेषज्ञ के सुझाव दिये गए थे लेकिन कारवाई न होने से न्यायपालिका सरकारों को कठघरे में खड़ा करती थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here