कमला हैरिस होशियार और ऊर्जावान

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कमला हैरिस इतनी होशियार और ऊर्जावान हैं कि वे सिर्फ उपराष्ट्रपति पद के लायक नहीं हैं, जिसमें कुछ ही आधिकारिक जिम्मेदारियां होती हैं। मुझे अच्छा लगेगा अगर जो बाइडेन उन्हें ज्यादा जरूरी काम देते हुए अपना ग्रामीण विकास का सचिव भी बनाएं, जिस पर ग्रामीण अमेरिका और बाकी अमेरिका के बीच अवसरों के अंतर को खत्म करने की जिम्मेदारी हो। राष्ट्रपति ट्रम्प ने ग्रामीण अमेरिका में डेमोक्रेट्स पर हावी होने के लिए इस अंतर का काफी फायदा उठाया।

कमला को इसे ठीक करने की जिम्मेदारी देना बाइडेन टीम का अच्छा कदम होगा। इससे अमेरिकी पुनर्निर्माण को एक विजन मिलेगा और संकेत मिलेगा कि डेमोक्रेट्स ग्रामीण अमेरिका को रिपब्लिकन के हवाले नहीं करेंगे, बल्कि साथ जोड़ेंगे। इससे कमला पहले दिन से ही अति-प्रासंगिक उपराष्ट्रपति बन जाएंगी।

बाइडेन ये चुनाव उपनगरीय और शहरी केंद्रों में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर जीते हैं। बहुत से उपनगरीय मतदाताओं ने न सिर्फ ट्रम्प को नकारा, बल्कि अति-वामपंथी डेमोक्रेटिक विचार को भी नकारा, जो पिछले कुछ वर्षों में फैल रहा था। डेमोक्रेट्स जीत भले ही गए, लेकिन कई राज्यों में इन्हीं उपनगरीय मतदाताओं ने उन्हें परेशान किया।

सबसे जरूरी यह है कि ग्रामीण अमेरिका को ऊपर उठाना पूरे अमेरिका के लिए अच्छा होगा और यह बाइडेन के ‘सबका साथ विकास’ के विजन को पूरा करेगा। वह अवधारणा अब भी डेमोक्रेटिक पार्टी के डीएनए में रहती है, जिसे मेरे गृहराज्य मिनिसोटा में डीएफएल यानी डेमोक्रेटिक फार्मर लेबर पार्टी के नाम से जाना जाता है। इस पार्टी को उस गठबंधन का पुनर्गठन करने की जरूरत है।

हार्वर्ड के माइकल सैंडल कहते हैं, ‘इसका एक तरीका उन जनवादी जड़ों से फिर जुड़ना है, जब यह पार्टी कामगारों और किसानों तथा साधारण नागरिकों को सशक्त करने पर ध्यान देती थी। ट्रम्प ने जनवाद को बुरा बना दिया है। डेमोक्रेट्स को इसका अच्छा विकल्प बनना चाहिए, जो शहरी और ग्रामीण अमेरिका के पुनर्निर्माण पर केंद्रित हो।’ यही कमला का मिशन होना चाहिए। यह ग्रामीण अमेरिका से शुरू होगा।

किसानों के कोऑपरेटिव लैंड ओलेक्स की अध्यक्ष बेथ फोर्ड कहती हैं, ‘मुझे डर है कि ‘ग्रामीण’ शब्द ऐसे भौगोलिक क्षेत्र का भाव देता है, जो मेरी समस्या नहीं है। लेकिन ग्रामीण अमेरिका तक कनेक्टिविटी और तकनीक पहुंचाना पूरे अमेरिका का मुद्दा है। राष्ट्रपति द्वारा ग्रामीण अमेरिका में कम निवेश करने से हम कम सुरक्षित और बतौर राष्ट्र कम समृद्ध महसूस करते हैं और चीन से खुद को कम प्रतिस्पर्धी मानते हैं, जो तेजी से ग्रामीण केंद्रों को जोड़ने का काम कर रहा है।’

बाइडेन-हैरिस की ग्रामीण रणनीति कैसी होनी चाहिए? इसमें लोगों को लगातार सुनने और लगातार कुछ करते रहना शामिल होना चाहिए। डूलथ की मेयर एमिली लार्सन कहती हैं, ‘ग्रामीण क्षेत्रों का अपना सोशल नेटवर्क होता है, लेकिन वह मेट्रोपॉलिटन से अलग होता है। यहां लोग आधी रात को आपके लिए उपलब्ध होंगे, पर वे इसके बारे में फेसबुक पर पोस्ट नहीं करेंगे।’ नीतियों के मामले में बाइडेन-हैरिस टीम को वादा करना चाहिए कि हर ग्रामीण समुदाय तक चार साल में ब्रॉडबैंड पहुंच जाएगा।

फोर्ड बताती हैं कि अभी भी करीब 35% किसानों के पास खेत पर इक्विपमेंट चलाने के लिए पर्याप्त बैंडविथ नहीं है, जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती, बुजर्गों को टेलीमेडीसिन का लाभ नहीं मिल पाता। लेकिन सिर्फ बेहतर कनेक्टिविटी ही पर्याप्त नहीं होगी। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ग्रामीण समुदायों में डिजिटल कौशल प्रशिक्षण पर भी निवेश हो। आज ग्रामीण अमेरिका 15% वर्कफोर्स का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था की नौकरियों में उनकी हिस्सेदारी 5% ही है।

कमला हैरिस इस काम के लिए स्वाभाविक पसंद हैं। सिलिकॉन वैली और ग्रामीण घाटियों को जोड़ने के लिए उनसे बेहतर कौन होगा? वे समावेशी अमेरिकी केंद्र बनाने के लिए भी स्वाभाविक पुल का काम कर सकती हैं, क्योंकि ग्रामीण अमेरिका, श्वेत अमेरिका नहीं है। अर्बन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हर पांच में से एक अमेरिकी ग्रामीण समुदाय से है और हर पांच में से एक ग्रामीण निवासी अश्वेत है।’

हैरिस जल्द पहली अश्वेत और पहली भारतीय-अमेरिकी उपराष्ट्रपति बन जाएंगी, जो शहरी मतदाताओं को भी काफी पसंद हैं। हालांकि, अगर वे खुद को बाइडेन की कैबिनेट का ऐसा व्यक्ति बनाती हैं, जो ग्रामीण अमेरिका की पहले सुनता है, पहले उनकी चिंताओं को संबोधित करता है, तो वे और डेमोक्रेट्स खुद को कई ग्रामीण इलाकों में प्रतिस्पर्धी बना सकती हैं।

थॉमस एल. फ्रीडमैन
( लेखक तीन बार पुलित्जऱ अवॉर्ड विजेता एवं ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में नियमित स्तंभकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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