भारत तेजी मेजिटल पेमेंट सिस्टम की दिशा में आगे चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के लेगशिप कार्यक्रम डिजिटल इंडिया के आने के बाद से देश में डिजिटल पजेशन को प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ी है। ई.शासन से लेकर डीबीटी तक सब कुछ डिजिटल जो रहा है। कोरोना से पहले से जी डिजिटल पेमेटका दौर शुरू हुआ जो कोविड काल में तेजी से जोर पकड़ा है। आज लोग अपना अधिक भुगतान डिजिटल करा रहे है। खरीदारी से लेकर बिजली-पानी लिक लोग डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-बाउचर बेस्ट डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन ई-रूपी लांच किया है। वह डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की दिशा में एक और अहम कदम है। इसके जरिए कैशलेस और कॉन्टैटलेस पेमेंट होगा। इसके जरिए योजनाओं का लाभ आखिरी व्यति तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। ई.रूपी को एक प्रीपेड ई. बाउचर है, जिस नेशनल पेमेंट्स कॉपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने विकसित किया है। सरकार के इस कदम से ट्रांसपेरेंट और लीक आफ प्रुफ डिलीवरी में मदद मिलेगी। किसी के इलाज या पढ़ाई में मदद करना तो वो कैश की जगह ई रूपी से कर सकता है।
इससे यह पता चल सकेगा कि पैसा सही जगह लगा है। ई-रूपी से दान देने के उद्देश्य को सुनिश्चित किया जा सकता है। किताबी के लिए पैसा भेजा है उससे किताबें खरीदी गई है या नहीं। ये ई रूपी से पता चल जाएगा। समय के साथ इसमें और भी चीजें जोड़ी जाएंगी। ई-रूपी व्यति के साथ-साथ उद्देश्य पैसिफिक भी है। यह ऑफ लाइन डिजिटल गवर्नेस में मददगार साबित हो सकता है। आज टेनोलाजी जरूरतमंदों को मदद के लिए ट्रांसपेरेंट टूल के रूप में कारगर साबित हो रही है। यह एक यूआर कोड एसएमएस सटिंग बेस्ट वाउचा है, जिसे सीधे लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजा जाता है। इस वन टाइम पेमेंट सर्विस में यूजर्स बिना कार्ड, डिजिटल मिंट एप सा इंटरनेट बैंकिंग के बावजूद बाउचर को रिडीम कर सकेंगे। ई.रूपी के जरिए सरकारी योजनाओं से बड़े विभाग या संस्थान बिना फिशिलान्टैट के सीधे तौर पर लाभार्थी और सर्विस प्रोवाइडर से जुड़े रहेंगे। ई रूपी की खासियत है कि सेवा देने और लेने वालों को सीधे तौर पर जोड़ता है। ई रूपी से सरकारी योजनाओं का लाभ सौधे लाभार्थियों को मिलेगा। इससे बिचौलिया भ्रष्टाचार में कमी आएगी। इसमें यह भी सुनिचित किया जाएगा कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान किया जाए।
प्रीपेड होने की वजह से यह किसी भी मध्यस्थ को शामिल किए बिना सर्विस प्रोवाइडर को समय पर भुगतान करता है। इन डिजिटल बाउचर का उपयोग प्राइवेट सेटर में अपनी इंपलाई वैलफेयर और कॉपरिट सामाजिक जिमेदारी कार्यक्रमों के लिए भी किया जा सकता है। अब लोगों को इंटरनेट नहीं रहने की स्थिति में ई.पेमेंट नहीं कर पाने की दिकत नहीं होगी। रिजर्व बैंक आने वाले वत में डिजिटल करेंसी लाने के आइडिया पर काम कर रहा है। दुनियाभर के केंद्रीय बिटकाइन ईथर जैसी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के विकल्प के तौर पर डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी कैश का इलेट्रॉनिक रुप होगाप् इसमें ट्रांजैशन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक हो जाता है। रिजर्व बैंक से डिजिटल करेंसी आपको मिलेगी और आप जिसे पैमेंट या ट्रांसफर करेंगे, उसके पास पहुंच जाएगी। न तो किसी वालेट में जाएगी और नही बैंक खाते में। कह सकते है कि आने वाला वत हमारे लेनदेन का पूरा तरीका ही बदल जाएगा। हमें विनिमय के लिए मुद्रा को यदा कदा जरूरत पड़ेगी। अगर डिजिटल करेंसी लागू होती है तो यह देश व दुनिया के लिए क्रांतिकारी कदम होगा।