नौकरियो में दूसरे राज्यों के युवाओं की आयु सीमा बढ़ाने औ मध्य प्रदेश के युवाओं की आयु सीमा घटाने वाले कैबिनेट के निर्णय प्रदेश की युवा आक्रोशित एवं आहत है और अंदर ही अंदर आग धधक रही है सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ युवाओं का गुस्सा भडक़ा हुआ है। दरअसल युवाओं को जब तक उम्मीद रहती है वह धैर्य बनाए रखता है संघर्ष करता है लेकि न जैसे ही उसकी उम्मीद खत्म हो जाती है तब वह आक्रोशित एवं आहत हो जाता है ऐसा ही कुछ इस समय मध्य प्रदेश के युवाओं के साथ हुआ है जिसमें वे अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं क्योंकि जो युवा नौकरी की तलाश में दिन रात पढ़ाई कर रहा था। वह अचानक से आयु सीमा घटने से परीक्षा के पहले ही अयोग्य घोषित हो गया खासकर वे युवा जो इस उम्मीद में की अभी प्रदेश में 40 वर्ष तक व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं।
वे अचानक से अयोग्य घोषित हो गए क्योंकि सरकार में नौकरी के लिए आयु सीमा 40 से घटाक र 32 वर्ष कर दी। सीधे तौर पर प्रदेश के युवाओं की 8 वर्ष उम्र घटने और दूसरी ओर दूसरे राज्यों की युवाओं की उम्र 7 वर्ष बढ़ाए जाने से युवाओं पर जो मार हुई है उससे युवाओं का दुखी होना स्वाभाविक है यही नहीं पीएससी महत्वपूर्ण परीक्षा में भी आयु सीमा 5 वर्ष कम कर दी गई। बहरहाल सोशल मीडिया पर सरकार के निर्णय को लेकर युवा जमकर भड़ास निकाल रहे और चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार ने युवाओं से जो वादे किए थे उनकी याद दिला रहे हैं। मसलन पार्टी ने वादा किया था की जिनके माता-पिता मध्यप्रदेश के मूल निवासी है उन्हें सबसे पहले सरकारी नौकरियां दी जाएंगी लेकिन केबिनेट डिसीजन में इसके उलट हुआ जहां दूसरे राज्यों की युवाओं की उम्र 7 वर्ष बढ़ा दी गई दी गई वही मध्य प्रदेश के युवाओं की 8 वर्ष कम कर दी गई।
प्रदेश में शासकीय नौकरियों के लिए अधिकांश परीक्षाएं व्यापम द्वारा आयोजित की जाती है। 40 वर्ष तक प्रदेश का युवा भाग ले सकता था। खासकर शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए युवाओं ने बीएड और डीएड की डिग्री प्राप्त की है इसमें उनका समय और धन खर्च हुआ है। आयु सीमा घटने से न के वल उनका समय और पैसा बर्बाद हुआ वरुण वह उम्मीद टूट गई जिसके सहारे वह अपने भविष्य के सपने पाले हुए था। युवाओं को भी गहरा आघात पहुंचा है जो पीएससी जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे क्योंकि सरकार ने पीएससी में भी प्रदेश के युवाओं की आयु सीमा 40 से घटाकर 35 वर्ष कर दी वही दूसरी और दूसरे राज्यों के युवा उत्साहित है जिन्हें की आयु सीमा 7 वर्ष बढ़ाए जाने का लाभ मिलेगा। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश का युवा हतप्रभ है कि आखिर सरकार ने ऐसा निर्णय क्यों लिया जबकि विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस पार्टी ने युवाओ को नौकरियों के सपने दिखाए थे।
यहा तक कि भाजपा शासनकाल में व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षाओं में युवाओं ने फीस भरी थी उसको वापस कराने का भी वादा किया था लेकिन अब तो युवाओं की परीक्षा देने की उम्मीद ही खत्म कर दी आगे क्या करेंगे। उन्हें समझ में नहीं आ रहा यही कारण है की सरकार के खिलाफ युवाओं में जो आक्रोश भड़का हुआ है। सोशल मीडिया पर जिस तरह से युना पोस्ट डाल रहे हैं उससे सरकार पर पार्टी के नेताओं द्वारा ही दबाव डाला जा रहा है वह केबिनेट के इस निर्णय को बदले और युवाओं के साथ न्याय करें।
देवदत्त दुबे
लेखक पत्रकार हैं और ये उनके निजी विचार हैं