भारी अंग्रेज है, बाहर निकालो

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अंग्रेजी के अलावा मैंने कोई दूसरी भाषा नहीं देखी, जिसमें बीच का रास्ता न हो। आती है तो आदमी आसमान से बोलता है, नहीं आती तो बेचारे को जमीन पर भी बोलने की जगह नहीं मिलती। गड्ढों में धकेल दिया गया इंसान शराब पीता है, फिर तड़ातड़ अंग्रेजी बोलता है। सवाल है कि पीने वाले को अंग्रेजी कहां से आ जाती है तो जवाब है कि फिर वह गड्ढों में रहता ही कहां है जनाब, सतह से ऊपर उठने के बाद पियक्कड़ अंग्रेजी की जो बरसात करता है, वह बहुतों को भिगो देने के लिए काफी होती है। सरस्वती लाइब्रेरी वाले मेरे प्रेमी गुरु जी अंग्रेजी में रोते थे। बोलनी ठीक से नहीं आती थी, लेकिन रोनी काफी अच्छे से आती थी।

वह पीते तो हर जाम के साथ अंग्रेजी के शब्द यों बहते कि सुनकर कुत्ते भी रोने लगते। डॉग ट्रेनर्स बताते हैं कि कुत्ते प्रेम और अंग्रेजी जल्दी समझते हैं। मैंने इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखा है। पिछले दिनों गांव में भंडारा था। मैं भी पहुंचा। एक रिश्तेदार का अंग्रेजी स्कूल में पढऩे वाला बच्चा पपीते का गलका देखकर पूछ रहा था- ‘वॉट इज दिस मॉम?’बगल में मेरी चचेरी भाभी बैठी थीं जो मुंह में पल्लू भींचकर ननद से कह रही थीं- ‘बहुत तेज बच्चा है। अंग्रेजी जानता है।’ ननद बोलीं- ‘हां, मगर पपीता नहीं जानता!’ बाहर पुरुषों की चौपाल में उसी बच्चे का बड़ा भाई बैठा था।

चौपाल जब राजनीतिक बहसबाजी में उलझी हुई थी तो उसके मुंह से अचानक ‘डेमोक्रेसी’ निकल गया। फिर तो लूकी काका उस पर पिल पड़े कि इतने बड़े हो गए कि हमसे अंग्रेजी झाड़ोगे? भीड़ में कोई बोला कि अड़े अंग्रेज हैं तो बताएं कि ‘राम जाकर आता है’ को अंग्रेजी में कैसे कहेंगे? बहस के अतं में लालमुनि बोले कि यह सरकारी हटानी है तो लूकी बोले कि पहले यह जो ‘डेमोक्रेसी’ बोल रहा है, इसको यहां से हटाओ। मारपीट करनी हो या रोकनी हो-जोर से अंग्रेजी में कुछ बोलकर देखिये। अंग्रेजी ऐसी भाषा है, जिसमें शर्तिया ‘किरपा’आती है। प्रेमी परेशान है।

रूठी प्रेमिका कहती है, दरख्वास्त वॉट्सऐप करो। प्रेमी मन की पूरी बात को कविता में ढालकर हिन्दी में वॉट्सऐप कर देता है। प्रेमिका पढ़ती है और रुष्ट हो जाती है। कहती है कि कविता-वविता तो ठीक, ये बताओं कि आखिर से आई लव यू क्यों नहीं लिखा? डोंट यू लव मी? बेचारे प्रेमीगरण करें क्या करें? अंग्रेजी ही सीखें। ‘किरपा’ पाने का वही आखिरी रास्ता है! कुछ दिन पहले मुझे फिर से प्रेम हो गया। सारा प्यार, सारी लगावट, सारा प्रणय, सारी मोहब्बत और सारा प्रेम, प्रीत या लव-लामू हिन्दी में हुआ, लेकिन ब्रेकप अंग्रेजी में हुआ। वह तो गनीमत है कि मैं पीता नहीं और मेरी गली में कुत्ते नहीं हैं। वरना हूं तो आखिर में प्रेमी गुरुजी का ही चेला!

राहुल पाण्डेय
लेखक पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं

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