सार गीता का सार By admin - July 16, 2020 0 248 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp आपके कर्म का क्या फल होगा, आप इस कदम को उठाने के पश्चात संतुष्ट रहेंगे या नहीं. इन्सान को ऐसी किसी भी चिंता को अपने भीतर स्थान नहीं देना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि कर्म करते समय इंसान को फल या परिणाम की चिंता से मुक्त रहना चाहिए