कोरोना मरीजों के झड़ रहे हैं बाल

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कोरोनावायरस के मामले में अभी तक हमने देखा कि यह फेफड़ों को अपना निशाना बना रहा है, लेकिन अमेरिका में यह वायरस लोगों के बाल झड़ने का कारण भी बना हुआ है। डॉक्टर बताते हैं कि उनके पास बाल झड़ने की परेशानी लेकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। उनका मानना है कि इसका कारण कोरोनावायरस हो सकता है। यह परेशानी कोविड मरीज और सामान्य लोगों को बराबर प्रभावित कर रही है। कोरोनावायरस का तनाव है बड़ा कारण आम दिनों में बीमारी, बड़ी सर्जरी या भावनात्मक परेशानी से जूझ रहे लोग बालों का ज्यादा झड़ना अनुभव करते हैं। अब डॉक्टरों का कहना है कि कोविड 19 से उबर रहे मरीज बालों का झड़ना महसूस कर रहे हैं। हालांकि, वे इसका कारण वायरस नहीं, इससे होने वाले साइकोलॉजिकल तनाव को बताते हैं। कई लोग जो वायरस की चपेट में नहीं आए हैं, वे भी बालों को झड़ने या टूटने से परेशान हैं। इसका कारण नौकरी जाने का तनाव, आर्थिक मुश्किलें, किसी करीबी की मौत है। क्लीवलैंड क्लीनिक में डर्मेटोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर शिल्पी खेत्रपाल बताती हैं “इस महामारी के आसपास कई तरह से तनाव है और हम अब भी बालों का झड़ना देख रहे हैं, क्योंकि काफी तनाव अभी तक खत्म नहीं हुआ है।

उन्होंने बताया कि वे हर हफ्ते इस परेशानी से जूझ रहे करीब 20 मरीजों को देख रही हैं।” सर्वे में भी मरीजों ने बताया- बाल झड़ रहे कोविड के बाद नजर आने लक्षणों को लेकर जुलाई में हुए एक सर्वे में उबर चुके 1567 मरीजों का एक समूह शामिल था। सर्वाइवर कॉर्प्स और इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में एसोसिएट रिसर्च प्रोफेसर नताली लैंबर्ट के मुताबिक, इनमें से 423 लोगों ने पाया कि उनके बाल असामान्य रूप से झड़ रह हैं। डॉक्टरों के अनुसार, ज्यादातर मरीजों के लिए यह हालात अस्थाई हैं, लेकिन महीनों तक रह सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक- महामारी के कारण बड़ रहे दो तरह के हेयर लॉस पहली कंडीशन को टेलोजन एफ्लूवियम कहा जाता है, जिसमें व्यक्ति के बाल रोज सामान्य के मुकाबले ज्यादा झड़ते हैं। आमतौर पर ऐसा तनाव वाले अनुभव के महीनों बाद नजर आता है। एक स्वस्थ्य हेयर साइकिल में ज्यादातर बाल बढ़ने की प्रक्रिया में होते हैं, बहुत ही कम की ग्रोथ रुकी होती है और करीब 10 प्रतिशत बाल गिरने के फेज में होते हैं। डॉक्टर शिल्पी कहती हैं कि टेलोजन एफ्लूवियम में लोगों के बाल झड़ते ज्यादा हैं, बढ़ते कम हैं। आमतौर पर इन हालात का सामना महिलाएं प्रेग्नेंसी के बाद करीब 6 महीनों तक करती हैं।

अगर तनाव बना रहा या दोबारा आया, तो कुछ लोगों में यह क्रोनिक शेडिंग कंडीशन तैयार हो जाती है। इसके बाद दूसरी तरह का हेयर लॉस है एलोपेसिया एरिएटा, जिसमें इम्यून सिस्टम हेयर फॉलिसिल्स पर हमला करता है। सेंट्रल मिशिगन यूनिवर्सिटी में साइकैट्रिस्ट और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर मोहम्मद जाफरानी ने कहा कि आमतौर पर इसकी शुरुआत बालों और दाढ़ी की जड़ों पर एक धब्बे के तौर पर होती है। माउंट सिनाई के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट की इनकमिंग चेयर वुमन डॉक्टर एमा गटमैन यास्की कहती हैं कि उन्होंने एलोपेसिया के मामलों में बढ़त देखी है। सभी कोविड 19 के मरीज नहीं थे, लेकिन जिन्हें भी यह बीमारी थी, उनमें यह परेशानी तेजी से बढ़ रही थी। यहां तक की उनकी आईब्रो और पलकें भी गिरने लगी थीं। यास्की कहती हैं कि हो सकता है कि इसका कारण सूजन का तूफान हो सकता है जो कुछ कोविड मरीजों में नजर आता है। यह एलोपेसिया जैसी परेशानियों से जुड़े इम्यून मॉलेक्यूल्स को बढ़ाता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स को अभी यह नहीं पता कि क्यों तनाव इन परेशानियों को बढ़ा रहा है। डॉक्टर होगन ने कहा कि इसका कारण एक स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल को बढ़ने या ब्लड सप्लाई प्रभावित होना हो सकता है।

एक्सपर्ट्स की सलाह- क्या करें एलोपेसिया एरिएटा को लेकर डॉक्टर गटमैन-यास्की कहती हैं कि कुछ मामले बिना इलाज के ही सुधर जाते हैं, लेकिन कुछ में स्टेरॉयड इंजेक्शन की जरूरत होती है। कुछ स्थाई भी हो सकते हैं। खासतौर से तब जब उनका शुरुआत में इलाज न किया जाए। एक्सपर्ट्स अच्छे पोषण और बायोटीन जैसे विटामिन, योग, स्काल्प मसाज या ध्यान की सलाह देते हैं। बाल झड़ने के कारण तनाव का शिकार हुए लोगों को डॉक्टर जाफरानी साइकोथैरेपी की सलाह देते हैं। डॉक्टर होगन ने कहा कि कुछ मरीजों के लिए यह हालात इतने दुखी करने वाले होते हैं कि वे बालों को धोना या ब्रश करना छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को खुद की सफाई से नहीं डरना चाहिए। कहानी बाल झड़ने की परेशानी से जूझ रही एनरीन रोव की एनरीन रोव शादी की 10वीं सालगिरह के लिए तैयार हो रही थीं। अचानक उन्होंने पाया कि उनके सिर पर बालों का एक हिस्सा गायब है। अगले कुछ दिनों में उनके बाल तेजी से गिरने लगे। एनरीन को अप्रैल में कोरोना के लक्षणों के चलते 12 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्होंने पाया कि यही कहानी कई कोविड से उबर चुके मरीजों की थी। कई लोगों का कहना था कि वायरस की चपेट में आने के कुछ महीनों बाद उनके बाल बड़ी संख्या में गिरने लगे।

पैम बुलक
(लेखिका न्यूयार्क टाइस की पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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