आज बुधवार और एकादशी का योग, केसर मिश्रित दूध से विष्णुजी का अभिषेक करें

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बुधवार, 7 अप्रैल को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की ग्यारस है। इस तिथि को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन विष्णु भगवान के लिए पूजा और व्रत-उपवास किया जाता है। बुधवार और एकादशी का योग होने से विष्णुजी के साथ ही गणेशजी की भी विधिवत पूजा जरूर करें। ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए बुधवार और एकादशी के योग में कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं… हिन्दी पंचांग के एक माह में दो पक्ष होते हैं और हर पक्ष में एकादशी आती है। इस तरह 12 माह में कुल 24 एकादशियां आती हैं। जिस वर्ष में अधिकमास होता है, तब 26 एकादशियां आती हैं। स्कंद पुराण के वैष्णव खंड में एकादशी महात्य अध्याय में सालभर की सभी एकादशियों का महत्व बताया गया है। एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है। चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी सभी पापों का असर खत्म करती है। इस दिन दान भी जरूर करें। एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करें। सबसे पहले श्रीगणेश की पूजा करें। इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और विष्णुलक्ष्मी का अभिषेक करें। पूजा में फल-फूल, गंगाजल, वस्त्र, धूप दीप और प्रसाद आदि चीजें देवी-देवताओं को चढ़ाएं। भोग लगाएं। विष्णुजी को तुलसी के पत्तें के साथ प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

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