यूं धरती पर गिरती है बिजली

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पटना। बिहार में बिजली गिरने से गुरुवार को 100 लोगों की मौत हो गई। राज्य में पहली बार एक दिन में बिजली गिरने से इतने अधिक लोगों की मौत हुई है। बिजली गिरना प्राकृतिक घटना है। हर सेकेंड धरती पर 50-100 बार बिजली गिरती है। सूर्य की सतह की तुलना में बिजली अधिक गर्म होती है। बिजली जिस रास्ते से होकर जमीन पर आती है, वहां की हवा 15 हजार डिग्री फॉरेनहाइट तक गर्म हो जाती है। यह गर्मी सूरज की सतह की गर्मी (10 हजार फॉरेनहाइट) से अधिक है।

क्या करें:
1. सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें। यह इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है।

2. जहां हैं, वहीं रहे। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसेलकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।

3. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें। सिर को जमीन से सटने न दें। जमीन पर कभी न लेटें।

4. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।

5. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों। समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं।

6. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें।

क्यों गिरती है बिजली: आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। ऐसा तब होता है, जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है। अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है। आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है। बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है। बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है। बिजली आसपास के सबसे ऊंचे स्थान पर गिरती है इसलिए बारिश के समय पेड़ के नीचे नहीं छिपना चाहिए।

ऊंची चीजों पर यों: बादल में जब बिजली बन रही होती है, तब जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज बदलता है। जमीन का उपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है और निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज रहता है। मीनार, ऊंचे पेड़, घर या इंसान जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं तब उससे पॉजिटिव इलेक्ट्रिसिटी निकलकर ऊपर की ओर जाती है। इसे स्ट्रीमर कहते हैं। बादल के निचले हिस्से में मौजूद निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर आकर्षित होता है, जिससे बिजली धरती पर गिरती है।

बचा सकते हैं जान: बिजली गिरने के चलते अधिकतर वे लोग हताहत होते हैं, जो खुले में हों। घर और कार जैसी बंद जगह इंसान को बिजली से बचाती हैं। कार पर जब बिजली गिरती है, तब वह टायर से होते हुए धरती में चली जाती है। इसी तरह घर पर बिजली गिरने से वह नींव के रास्ते धरती में जाती है। बिजली गिरते समय अगर कोई नल से निकल रहे पानी के संपर्क में हो या फिर लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल कर रहा हो तो उसे झटका लग सकता है। बारिश के साथ बिजली चमक रही हो तो खुले में नहीं जाना चाहिए।

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