अफसोस व काश को पीछे छोड़ें

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इस नई मुहिम से जुड़ा हूं ताकि आपसे कुछ अच्छी बातें की जाएं। हम ऐसी चीजों पर बातें करें जिन पर अमूमन ध्यान नहीं दिए जाते। अक्सर हमें लगता है कि दुनिया में बुराई ज्यादा है, अच्छाई और मिठास कम। तो आइए इस सीरीज के जरिए हम आसपास की कुछ सीधी-साधी चीजों को पहचानने की कोशिश करते हैं। करते हैं ये शुरुआत। शुरुआत बहुत मजेदार चीज होती है। दरअसल नई चीज की शुरुआत के साथ, किसी पुराने का अंत भी होता है। क्या आपकी जिंदगी में ऐसा बहुत कुछ नहीं है, जो आप चाहते हैं कि अब और न हो। अब कुछ बदलाव लाते हैं। तो चलिए शुरुआत करते हैं उसी बदलाव की। हमने असर सुना होगा कि जो हमारे साथ अतीत में हो चुका है, उस पर हम कुछ नहीं कर सकते। लेकिन इस वक्त के आगे जो भी कुछ घटेगा, उसमें हम अपना मत रख सकते हैं। हम सभी की जिंदगी में बहुत सारे अफसोस रहे हैं। काश मैंने ये किया होता। काश ये हुआ होता। जिंदगी में बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जो हम इस ‘काश’ की दुनिया में रखते हैं। मेरी जिंदगी में भी ऐसी चीजें हैं क्योंकि मैंने सपने देखे हैं। लेकिन अमूमन हम सपने देखना बंद करते रहते हैं योंकि हम कहते हैं कि सपने पूरे नहीं होते। भाई, माना कि कई सपने पूरे नहीं हुए, लेकिन न जाने कितनी ऐसी चीजें हैं जो हमने सपने में भी नहीं सोची थीं, जिन्हें हम कर पाए।

हम इन्हें कर पाए, जब हमने नई शुरुआत का पहला कदम रखा। शुरुआत होती है उम्मीद से। यह आपको कल सुबह जागने की इच्छा देती है। जब हम शुरुआत करते हैं तो कहते हैं कि यह शुरुआत मैं कर रहा/रही हूं, ताकि मैं जिंदगी में कुछ फर्क ला सकूं। शुरुआत की खासियत भी यह है कि जो लोग यथास्थिति में बैठे हैं, जो कहते हैं कि कुछ नहीं हो सकता, वो भी आपको देखकर प्रेरित होते हैं कि ‘नहीं भई, इस माहौल में भी इन्होंने नई शुरुआत करने की हिम्मत की।’ हम सभी इंतजार करते रहते हैं क्योंकि अमूमन हमारे पास कहानियां हैं, उन लोगों की जो कुछ कर नहीं पाए। हर दिन मेरे लिए कुछ नया करने की उम्मीद लेकर आता है। तो आइए आज ही, इसी समय, उन चीजों की लिस्ट बनाते हैं, जो हम सचमुच करना चाहते हैं। हो सकता है कि आप अपने रिलेशनशिप को लेकर बात करना चाहते हैं, किसी नए काम के लिए मीटिंग करना चाहते हैं, कोई ऐसी चीज अपने काम में करना चाहते हैं जो अब तक आपने नहीं की। बंधु, आज से शुरुआत करते हैं। शुरुआत की यह खासियत है कि दूर से यह बड़ी डरावनी लगती है, लेकिन जब हम शुरुआत कर लेते हैं, तब अपने आपको उस गाड़ी में पाते हैं, जो चल पड़ी है। फिर उसे खुद का रास्ता निर्धारित करने का मौका मिलता है।

हां, गड्ढे सामने आते हैं, खतरनाक मोड़ भी आते हैं, लेकिन उसके बावजूद एक बार जब आप शुरुआत कर चुके हैं तो आपके अंदर की जड़ता खत्म हो जाती है। हम इन्हें कर पाए, जब हमने नई शुरुआत का पहला कदम रखा। शुरुआत होती है उम्मीद से। यह आपको कल सुबह जागने की इच्छा देती है। जब हम शुरुआत करते हैं तो कहते हैं कि यह शुरुआत मैं कर रहा/रही हूं, ताकि मैं जिंदगी में कुछ फर्क ला सकूं। शुरुआत की खासियत भी यह है कि जो लोग यथास्थिति में बैठे हैं, जो कहते हैं कि कुछ नहीं हो सकता, वो भी आपको देखकर प्रेरित होते हैं कि ‘नहीं भई, इस माहौल में भी इन्होंने नई शुरुआत करने की हिम्मत की।’ जो जड़ है, उसको हम जीवंत कर पाते हैं। शुरुआत मेरे लिए हर रोज होती है, जब मैं नींद से उठकर अपने सपने पूरे करने के लिए दोबारा मुहिम शुरू करता हूं। मेरे लिए हर रोज एक मौका है, दोबारा शुरुआत करने के लिए। जब-जब मैं शुरुआत करता हूं तो पिछली गलतियों को दरकिनार करके, मैं नए प्रयोग जीता हूं। प्रयोगों की ये खासियत है कि वो दिमागी या सैद्धांतिक रूप में नहीं होते, वो करके होते हैं।

वे सब चीजें जिनमें आपको लगता है कि कुछ और अच्छा हो सकता है, उन सभी को लेकर शुरुआत कीजिए। जीवन के हर एक पहलू पर, एक शुरुआत हर रोज कीजिए। कुछ ही दिनों में आप पाएंगे कि हफ्तेभर पहले तो मैंने किसी चीज की शुरुआत की थी और मैं यहां तक पहुंच चुका हूं। कुछ चीजों में आपको यह भी लगेगा कि अरे यार शुरुआत तो की थी, लेकिन वो बात बनी नहीं जो मैं चाहता था, तो दोबारा शुरुआत कीजिए। शुरुआत की खासियत है कि जब तक आप और मैं जीवित हैं, हर रोज हम कुछ शुरू कर सकते हैं। मैं आपको आमंत्रित करता हूं कि आप यात्राएं शुरू करें, अलग-अलग पहलुओं को लेकर। और बताइए मुझे कि कैसी रही आपकी नई शुरुआत। याद रखिए, जब तक हम जिंदा हैं, कुछ नया शुरू कर सकते हैं। तो आइए दुनिया में फैलाते हैं शुरुआत की रोशनी, ताकि कोई कभी यह न कहे कि मैंने अब तक शुरुआत नहीं की। वो कहे कि अब तक नहीं की और आज से करूंगा शुरुआत।

आशीष विद्यार्थी
(लेखक मोटिवेशनल स्पीकर व एटर हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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