1. होली के बाद खजूर नहीं खाना चाहिए, ये पचने में भारी होते है, इन दिनों में सर्दियों का जमा हुआ कफ पिघलता है और जठराग्नि कम करता है. इसलिए इन दिनों में हल्का भोजन करें, धाणी और चना खाएं, जिससे जमा हुआ कफ निकल जाये ।
2. इन दिनों में पलाश/केसुडे/गेंदे के फूलों के रंग से होली खेलने से शरीर के ७ धातु संतुलन में रहते हैं, इनसे होली खेलने से चमड़ी पर एक layer बन जाती है जो धूप की तीखी किरणों से रक्षा करती है।
3. होली के बाद नीम की २० से २५ कोमल पते २-३ काली मिर्च के साथ खूब चबा-चबाकर खानी चाहिये । यह प्रयोग २०-२५ दिन करने से वर्ष भर चर्म रोग , रक्त विकार और ज्वर आदि रोगों से रक्षा होती है तथा रोग प्रतिकारक शक्ति बनी रहती है । इसके अलावा कड़वे नीम के फूलों का रस सप्ताह या १५ दिन तक पीने से भी त्वचा रोग व मलेरिया से बचाव होता है । सप्ताह भर या १५ दिन तक बिना नमक का भोजन करने से आयु और प्रसन्नता में बढ़ोतरी होती है।
4. आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए होलिका की राख को लाकर पूरे घर में छिड़क दें। इससे घर से नकारकत्मक शक्तियों का प्रभाव दूर होता है ऐसी मान्यता है। घर में वास्तु दोष होने पर भी यह लाभप्रद माना गया है। इससे गृह कलह और आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं।
5. होलिका की राख को एक पोटली बनाकर तिजोरी में रखें इससे संचित धन बढ़ता है। टोने टोटके का भय होने पर इस राख से तिलक भी कर सकते हैं। इससे आत्मबल मिलता है