वादे और इरादों का बजट

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सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया गया। सदी का यह पहला ऐसा बजट था जो पेपरलैस बजट था। इस बजट में वही सब कुछ था जिसका गुणगान पीएम मोदी कर चुके हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करने पर बल दिया गया। इसके अलावा सोना-चांदी को सस्ता करने का दावा भी किया गया। आम आदमी से जुड़े पेट्रोलियम पदार्थों पर लगे उत्पाद शुल्क को ज्यों का त्यो रखने से बजट के प्रति कम उत्साह दिखाई दिया। सरकार ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर 4 रुपये एग्री सेस का प्रस्ताव रखा है। सरकार का ऐलान है कि इसका ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा। इस बजट से उम्मीद थी कि आंदोलित किसानों को संतुष्ट करने के लिए कोई नई लुभावनी योजना को लागू की जा सकती है, लेकिन इस नए बजट में ऐसा कुछ नहीं दिखाई दिया। बस सरकार का किसानों की आय को दोगुना करने संकल्प है जिसमें धान खरीदारी पर इस बार 1.72 लाख करोड़ खर्च किए जाएंगे, जिससे लगभग डेढ़ करोड़ किसानों को फायदा होने का दावा किया गया है।

मुख्य फसल गेंहू की खरीद पर 75 हजार करोड़ खर्च करने का ऐलान किया गया है, इसस लगभग 43 लाख किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद जाहिर की गई है। एमएसपी बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना करने का भरोसा दिलाया गया है। देश में लगभग नौ करोड़ किसान ऐसे हैं, जिन्हें सरकार किसान समान निधि की धनराशि दे रही है। बजट आने से पहले संभावना जताई जा रही थी कि इस बजट में किसानों की समान निधि में वृद्धि हो सकती है। लेकिन इस बजट में ऐसा कुछ नहीं दिखाई दिया। बिजली बिल की बढ़ती दरें, खाद व डीजल की बढ़ती कीमतों को मददे नजर रखते हुए ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। इस नए बजट में यात्री भी खाली हाथ हैं। इस बार नई ट्रेन की कोई घोषणा नहीं की गई है। पुराने नेशनल रेल प्लान 2030 को ही दोहराया गया है। इस नए बजट में रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ का प्रावधान रखा गया है, जो अपेक्षा से कम है। इसके अलावा वेतनभोगी कर्मचारियों को लिए भी कुछ खास नहीं किया गया।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का यह कहना कि इस बजट से लग रहा है कि मोदी सरकार गरीबों की बजाय पूंजीपतियों की कोली भर रही है। इस बजट में गरीबों के लिए कोई खास योजना लागू नहीं की गई है। इससे लग रहा है कि यह बजट केवल कोरोना महामारी को मदद्नजर रखते हुए तैयार किया गया है। राहुल केंद्र सरकार से चाहते थे कि गरीबों के हाथ में नकदी जाए जो इस बजट में नहीं हो सका। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त हुए इस बजट को आत्मनिर्भर भारत बनाने में सहायक बताया। पीएम मोदी का यह कहना कि ये बजट नए भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला बजट है। बजट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाएगा, साथ ही युवाओं को कई मौके देने का काम करेगा। प्रधानमंत्री मोदी का ये दावा भी काबिले गौर है कि ऐसे बजट जिसकी शुरुआत में अच्छे रिस्पॉन्स आए वह सफल होगा। बहरहाल सरकार का ये बजट आम लोगों में एक नई ऊर्जा पैदा करेगा इसके लिए सरकारी तौर पर प्रयास करने होंगे। कृषि व उद्योगिक क्षेत्रों में एक नई ऊर्जा प्रदान करेगा।

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