देश के 10 चर्चित एनकाउंटर

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हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप और जलाकर मारने के आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर किया। देश में पहले भी कई एनकाउंटर हुए हैं, लेकिन यह पहला मामला है जब पुलिस ने दुष्कर्म- हत्या के आरोपियों को मार गिराया हो। हम आपको देश के 10 चर्चित एनकाउंटर के बारे में बता रहे हैं, जो काफी चर्चित रहे। इन मामलों पर राजनीति भी खूब हुई, कुछ पर तो बॉलीवुड ने सुपरहिट फिल्में भी बनाई गई हैं।

जेल से भागे सिमी सदस्यों का एनकाउंटर :- 2016 में भोपाल की सेंट्रल जेल से 30-31 अक्टूबर की दरमियानी रात भागे 8 सिमी आतंकियों को पहाड़ी पर घेरकर पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। आतंकियों ने जेल से भागते वक्त एक कांस्टेबल का मर्डर भी किया था। इसके बाद चादर की रस्सी के सहारे फरार हो गए थे। बाद में इन आंतकि यों को ईंटखेड़ी के पास घेरा गया था। पुलिस के अनुसार दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी, जिसमें सभी फरार कैदियों को मार गिराया गया था।

बटला हाउस एनकाउंटर :- 13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट से पूरा देश दहल गया था। दिल्ली पुलिस ने जांच के बाद बम ब्लास्ट के लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन को दोषी माना था। 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में बटला हाउस पहुंचे। वहां दोनों ओर से फायरिंग हुई। इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को दो गोलियां लगी थी। दो आरोपी आरिज और शहजाद दूसरे गेट से निकल कर भागने में कामयाब रहे। गोलियां लगने से आतिफ
अमीन और साजिद की मौत हो गई। पुलिस ने दो आतंकियों को भागते समय गिरफ्तार कर लिया। बाटला हाउस पर इसी साल जॉन अब्राहम ने फिल्म बनाई थी, जो सुपरहिट हुई थी।

वडाला एनकाउंटर :- 1982 के इस मामले में मुंबई पुलिस (तब बॉम्बे पुलिस) ने गैंगस्टर मान्या सुर्वे का एनकाउंटर किया था। मान्या सुर्वे की उस समय बॉम्बे में बहुत दशहत थी। वह पुलिस के लिए काफ मुसीबत बन गया था। 11 जनवरी 1982 को पुलिस ने वडाला इलाके में उसे घेर लिया था। पुलिस के अनुसार मान्या सुर्वे को आत्मसमर्पण करने का मौका भी दिया गया, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। सुर्वे के सीने और कंधे में 5 गोलियां लगी थी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना पर शूटआउट एट वडाला फिल्म बनी थी, जिसमें मान्या सुर्वे का किरदार जॉन अब्राहम ने निभाया था।

आनंद पाल एनकाउंटर :- 2017 में राजस्थान के 5 लाख के इनामी गैंगस्टर आनंद पाल का एनकाउंटर किया गया था। राजस्थान के सालासर में एनकाउंटर के दौरान उसे मार गिराया गया। मुठभेड़ के दौरान आनंदपाल और उसके दो साथियों ने एके 47 समेत अन्य हथियारों से पुलिस पर करीब 100 राउंड फायर किए थे। आनंदपाल को 6 गोलियां लगीं। इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। एनकाउंटर से डेढ़ साल पहले गैंगस्टर आनंदपाल सिंह पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच भाग निकला था। पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार आनंदपाल को पकडऩे में 8 से 9 करोड़ पए खर्च हो चुके थे।

इशरत जहां एनकाउंटर :- 2004 में हुए एनकाउंटर में गुजरात पुलिस ने इशरत जहां उसके दोस्त प्रनेश पिल्लई उर्फ जावेद शेख और दो पाकिस्तानी नागरिकों अमजदाली राना और जीशान जोहर को आतंकी बताते हुए ढेर कर दिया था। इशरत जहां केस में पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, पूर्व एसपी एनके अमीन, पूर्व डीएसपी तरुण बरोट समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है. पूर्व डीजीपी पीपीपी पांडेय को बीते साल सीबीआई अदालत ने इस मामले में आरोप मुक्त कर दिया गया था।

सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर :- 26 मार्च 2003 को गुजरात के गृहमंत्री हरेन पंड्या की गोली मारकर हत्या हुई थी। हत्या और उसकी साजिश रचने का आरोप सोहराबुद्दीन शेख पर था। घटना के बाद से वह फरार था। जबकि, उसका साथी तुलसी प्रजापति पकड़ा गया था। 2005 में अहमदाबाद में राजस्थान और गुजरात पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन करके सोहराबुद्दीन शेख को मार गिराया था। यह मामला बहुत चर्चाओं में रहा था।

तुलसी प्रजापति एनकांउटर :- तुलसी प्रजापति सोहराबुद्दीन शेख का साथी और शार्प शूटर था। पुलिस ने तुलसी को हरने पंड्या की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। 2007 में अहमदाबाद पेशी पर ले जाते समय तुलसी को उसके साथी छुड़ाकर ले जाने आए थे। इसी दौरान हुई मुठभेड़ में तुलसी मारा गया था। इस मामले की आंच पुलिस के साथ भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, उद्यमी विमल पाटनी, गुजरात के राजकुमार पाण्डेर पर भी आई थी।

पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर :- इसी साल अक्टूबर में उप्र के झांसी की पुलिस ने कथित रेत माफिया पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर कर दिया था। पुलिस का कहना था कि मोंठ थाना प्रभारी ने उसका अवैध बालू से लदा ट्रक पकड़ा था, जिसके बाद उसने उन पर हमला किया था। मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया। वहीं, पुष्पेंद्र के परिजनों ने पुलिस पर घूस न देने पर हत्या करने का आरोप लगाया था। इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उप्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।

वारंगल एनकाउंटर :- हैदराबाद रेप और मर्डर केस के आरोपियों को मार गिराने वाले पुलिस कमिश्नर वीजे सज्जनार पहले भी एक एनकाउंटर से चर्चा में आए थे। 2008 में सज्जनार वारंगल के एसपी थे। तब दिसंबर 2008 में एक महिला पर एसिड अटैक हुआ था। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस जब आरोपियों को घटनास्थल पर लेकर जा रही थी तो वह भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने मुठभेड़ में आरोपियों को मार गिराया था।

दारा सिंह एनकाउंटर :- जयपुर के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने 23 अक्टूबर 2006 को दारा सिंह का एनकाउंटर किया था। दारा सिंह उर्फ दारिया राजस्थान के चुरू का रहने वाला था। उसके खिलाफ अपहरण, हत्या, लूट, शराब तस्करी और अवैध वसूली से जुड़े करीब 50 मामले दर्ज थे। इस एनकाउंटर से कई नेताओं के नाम जोड़े गए थे। एनकाउंटर से 5 दिन पहले पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था।

रविन्द्र कुमार
(लेखक पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं।)

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