घर पर भी बना सकते हैं मिट्टी के गणेश, उत्तर-पूर्व दिशा में करें स्थापित

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२ सितंबर से गणेश उत्सव शुरू हो गया है। गुरुवार, 12 सितंबर को अनंत चतुर्दशी है यानी इस साल ये उत्सव 11 दिवसीय रहेगा। उज्जैनके ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार घर में मिट्टी से बने गणेशजी स्थापित करना चाहिए। हम खुद भी मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाकर घर में स्थापित कर सकते हैं।

ऐसे करें मिट्टी के गणेश की पूजा

गणेश चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद साफ मिट्टी लेकर आएं। इसके बाद पानी डालकर उस मिट्टी को गुंथ लें। गिली मिट्टी से गणेशजी की मूर्ति बनाएं। मूर्ति को सूखने के लिए धूप में रख दें। इसके बाद उस पर सिंदूर लगा सकते हैं। शुद्ध घी और सिंदूर मिलाकर श्रृंगार कर सकते हैं। श्रृंगार करने के बाद जनेऊ पहनाएं। इसके बाद मूर्ति को घर की उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में स्थापित करें। धूप- दीप जलाएं। दूर्वा, फल-फूल अर्पित करें। लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें। गणेश उत्सव में रोज सुबह-शाम पूजा करें। अनंत चतुर्दशी पर इस मूर्ति का विसर्जन करें।

इन बातों का ध्यान रखें

घर में जहां गणेशजी स्थापित हैं, वहां साफ -सफाई का विशेष ध्यान रखें। मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा पूजा के लिए और पर्यावरण के लिए श्रेष्ठ रहती है। इसीलिए मिट्टी की प्रतिमा ही स्थापित करें। गणेशजी के साथ ही शिव-पार्वती की भी रोज पूजा करें। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और चांदी के लोटे से दूध चढ़ाएं। ध्यान रखें श्रीगणेश को और शिवजी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। पूजा करते समय गणेशजी की पीठ के दर्शन भी न करें। पूजा में ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप क रें।

पूजा करने वाले भक्त को अधार्मिक कामों से बचना चाहिए। घर में क्लेश न करें। जिन घरों में शांति और प्रेम रहता है, वहां सभी देवी- देवता वास करते हैं। माता-पिता और अन्य वृद्ध लोगों का सम्मान करें, वरना पूजा-पाठ से शुभ फल नहीं मिल पाते हैं।

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