वस्तु-विशेष से बने शिवलिंग की पूजा से होगी सौभाग्य में अभिवृद्धि

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वस्तु-विशेष से बने शिवलिंग की पूजा से होगी सौभाग्य में अभिवृद्धि
विभिन्न वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा से होती है मनोकामना पूरी

पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार तैंतीस कोटि देवी-देवताओं में देवाधिदेव महादेव की उपाधि से भगवान शिव ही अलंकृत हैं। भगवान शिव की असीम कृपा की प्राप्ति के लिए श्रावण मास में देवाधिदेव महादेव की भक्तिभाव से की गई पूजा सदैव फलित होती है। पूजा-अर्चना के साथ शिव मंत्र, शिव स्तोत्र, शिव चालीसा का पाठ करना अभीष्ट फलदायी होता है। प्रख्यात ज्योतिषविद् श्री विमल जैन जी बताया कि शिव की अद्भुत कृपा प्राप्ति के लिए वविध प्रकार की उपासना, आराधना, अर्चना की विधि पौराणिक ग्रन्थों में मिलती है। ऐसी मान्यता है कि शिव के समान दुःखों को हरने वाले और कोई भी देवता नहीं है। श्रावण मास में भक्त शिव की अर्चना व अनुष्ठान कर मनोकामना की पूर्ति के साथ अलौकिक शान्ति भी प्राप्त कर सकते हैं।

विशेष वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा से संवारे अपनी किस्तम –

1. धन-कामना की पूर्ति – दही के निथार कर बना शिवलिंग ।

2. दुःख दारिद्रय नाश – पीपल की लकड़ी से बना शिवलिंग।

3. सुख-शान्ति एवं सन्तान – अक्षत, गेहूं, जौ के आटे से बना शिवलिंग।

4. शत्रुओं पर विजय – लहसुनिया रत्न से बना शिवलिंग ।

5. अकाल मृत्यु, भयमुक्ति हेतु – दूर्वा का शिवलिंग ।

6. खुशहाली, सौभाग्यवृद्धि – चांदी, सोना, मोती का शिवलिंग ।

7. मनोकामना पूर्ति – स्फटिक का शिवलिंग।

8. मनचाही कामना सिद्धि – भस्म से बना शिवलिंग।

9. मकान – सम्पत्ति – फूलों से बना शिवलिंग।

10. रोग से मुक्ति – मिश्री या शक्कर का शिवलिंग।

11. भौतिक ऐश्वर्य सुख – चंदन व कस्तूरी का शिवलिंग।

प्रख्यात ज्योतिषविद् श्री विलम जैन जी के अनुसार सावन मास में सोमवार, शिव त्रयोदशी है, जिसे प्रदोष कहा गया है। शिव चतुर्दशी, जिसे शिवरात्रि कहा जाता है। इन विशेष तिथियों पर शिवजी की पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी बतलया गया है। श्रावण मास में रुद्राभिषेक के समस्त अनिष्टों का शमन होता है तथा मनोकामना की पूर्ति होती है। पूर्ण श्रद्धा व भक्तिभाव से विधि-विधानपूर्वक की गई आराधना से महादेव शीघ्र ही प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद देते है। शिवलिंग शिव का निराकर स्वरूप माना गया है। प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री विमल जैन ने बताया कि श्रावण मास में खास वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा-अर्चना से मनचाही मुरादें पूरी की जा सकती है। पृथ्वी के हर कण-कण व हर जीव में शिव विद्यमान हैं। विभिन्न प्रकार की वस्तुओं से बने शिवलिंग मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक रहते हैं।

इस बार श्रावण मासे के प्रमुख पर्व – प्रदोष व्रत 29 जुलाई, सोमवार तथा 12 अगस्त, सोमवार को रखा जाएगा। मास शिवरात्रि भी इस बार 30 जुलाई, मंगलवार को पड़ रही है। इस मास में दो प्रमुख पर्व पड़ेंगे, प्रथम नाग पंचमी – 5 अगस्त, सोमवार तथा द्वितीय पर्व रक्षा बन्धन -15 अगस्त, गुरुवार को। इसके अतिरिक्त हरियाली अमावस्या 01 अगस्त, गुरुवार को है।

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