निर्जला-भीम एकादशी : जानें महत्व

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पुत्रदा एकादशी
पुत्रदा एकादशी


➡️ 05 जून, गुरुवार को रात्रि 02:15 यानि (06 जून 02:15 AM) से 07 जून प्रात: 04:47 तक एकादशी है।
💥 विशेष – 06 जून 2025 शुक्रवार को निर्जला-भीम एकादशी (स्मार्त) एवं 07 जून 2025 शनिवार को निर्जला-भीम एकादशी (भागवत), 07 जून, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।

🙏🏻 निर्णयसिन्धु के प्रथम परिच्छेद में एकादशी के निर्णय में 18 भेद कहे गये हैंl
🙏🏻 कालहेमाद्रि में मार्कण्डेयजी ने कहा है – जब बहुत वाक्य के विरोध से यदि संदेह हो जाय तो एकादशी का उपवास द्वादशी को ग्रहण करे और त्रयोदशी में पारणा करे ।
🙏🏻 पद्म पुराण में आता है कि एकादशी व्रत के निर्णय में सब विवादों में द्वादशी को उपवास तथा त्रयोदशी में पारणा करे ।
🙏🏻 दशमी मिश्रित एकादशी परित्यज्य है । द्वादशी युक्त एकादशी उपवास योग्य है किन्तु दशमी युक्त एकादशी में कभी भी उपवास नहीं करना चाहिए । – सौरधर्मोत्तर
🙏🏻 द्वादशी मिश्रित एकादशी सर्वदा ही ग्रहण योग्य है । “द्वादशी मिश्रित ग्राह्या सर्वत्रैकादशी तिथिः” – पद्मपुराण
🙏🏻 नारद पुराण में वर्णित है कि जिस समय बहुवाक्य विरोध के कारण संदेह उपस्थित हो उस समय द्वादशी में उपवास करते हुए त्रयोदशी में पारण करना चाहिए।
💥 विशेष ~ अतः इस बार भी शास्त्र अनुसार 07 जून, शनिवार को उपवास करें।

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