नीतीश और तेजस्वी की सियासी परीक्षा

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इस चरण में मुख्य तौर पर नीतीश के नेतृत्व वाली जेडीयू और तेजस्वी के नेतृत्व वाली आरजेडी के बीच मुख्य मुकाबला रहा। गया लोकसभा सीट पर जेडीयू के विजय कुमार मांझी और हिन्दुस्तान आवाम मार्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच मुख्य मुकाबला रहा। जीतनराम को जहां आरजेडी और कांग्रेस का समर्थन हासिल था वही विजय कुमार मांझी एनडीए के प्रत्याशी हैं।

बिहार में लोक सभा चुनाव के पहले चरण के तरह औरंगाबाद, जमुई, नवादा और गया लोकसभा क्षेत्रों में गुरुवार को वोट पड़ गए। इस चरण में मुख्य तौर पर नीतीश के नेतृत्व वाली जेडीयू और तेजस्वी के नेतृत्व वाली आरजेडी के बीच मुख्य मुकाबला रहा। गया लोकसभा सीट पर जेडीयू के विजय कुमार मांझी और हिन्दुस्तान आवाम मार्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच मुख्य मुकाबला रहा। जीतनराम को जहां आरजेडी और कांग्रेस का समर्थन हासिल था वही विजय कुमार मांझी एनडीए के प्रत्याशी हैं। पिछले चुनाव में यहां पर बीजेपी के हरि मांझी जीते थे। इस बार दोनों के बीच कड़ी टक्कर बूथों पर नजर आई।

बिहार की जमुई सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के भूदेव चौधरी के बीच मुख्य मुकाबला रहा। चिराण पासवान एलजेपी सुप्रीमों राम विलास पासवान के बेटे हैं। पिछले चुनाव में चिराग पासवान को इस सीट से जीत मिली थी। इस बार चिराग को महागठबंधन के उम्मीदवार से निपटना था। वोट पड़ चुके हैं और 23 मई को पता चलेगा कि इस इलाके में मोदी फैक्टर ने क्या रोल अदा किया? औरंगाबाद लोकसभा सीट पर इस बार सिर्फ चुनाव ही नही हुए, बल्कि यह यहां के सामाजिक स्वरुप के बदलने की भी लड़ाई रही। वर्षों बाद इस सीट पर कांग्रेस का उम्मीदवार न होकर महागठबंधन की ओर से हम (हिन्दुस्ता आवाम मोर्चा) पार्टी के उपेन्द्र प्रसाद खड़े थे। उनके सामने बीजेपी के सुशील कुमार सिंह रहे।

उपेन्द्र जेडीयू के वरिष्ठ नेता थे और नामांकन से ठीक एक दिन पहले पाला बदलतक जीतन राम मांझी की पार्टी में शामिल हो गए थे? वर्षों बाद इस सीट पर राजपूत और पिछड़ो की लड़ाई हुई। वैसे इस सीट पर चुनाव दर चुनाव राजपूतों का वर्चस्व रहा है देखना है इस बार क्या होता है? चुनाव से पहले नवादा सीट को लकर काफी चर्चा रही। इस सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन एनडीए में हुए समझौते के तरहत यह सीट एलजेपी को दे दी गई थी। एलजेपी ने नावादा सीट से चंदन सिंह को चुनाव मौदान में उतारा, वही महागठबंधन की औ आरजेडी से विभा देवी पर दांव लगाया। वोटिंग के बाद माना जा रहा है कि इस सीट पर कांटे का मुकाबला है।

ज्योत्सना प्रियदर्शीनी
लेखिका टीवी पत्रकार हैं और ये उनका आकलन है

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