ऑफेंसिव डिफेंस की रणनीति

0
169

कम-से-कम 50 हजार सैनिकों को चीन की सीमा पर भेजा गया है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने यह खबर देते हुए चीन से मुकाबले के लिए भारत के इस कदम को ऐतिहासिक बताया है। एजेंसी न चार अलग-अलग सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत ने पिछले कुछ महीनों में चीनी सीमा से सटे तीन अलग-अलग इलाकों में सैन्य टुकड़ियों और युद्धक विमानों को तैनात किया है। इस तरह, अब भारत अब चीन की सीमा पर नजर रखने के लिए करीब दो लाख सैनिकों को तैनात कर दिया है जो पिछले साल के मुकाबले 40% ज्यादा है। हालांकि, भारतीय सेना और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में से किसी के प्रवक्ता ने इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

गलवान हिंसा के बाद भारत ने बदली रणनीति
भारत और चीन के बीच वर्ष 1962 में दो युद्ध हुए, फिर भी भारत ने रणनीतिक लिहाज से पाकिस्तान को ज्यादा तवज्जो दी क्योंकि कश्मीर 1947 से ही दोनों देशों के बीच बेहद संवेदनशील मुद्दा बना रहा है। हालांकि, जब पिछले वर्ष 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया, तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ मामले को ठंडा रखकर चीनी सीमा पर फोकस करने की रणनीति अपना रखी है।

भारत ने पहले सीमा पर चीनी अतिक्रमण रोकने के लिए सैनिक तैनात कर रखे थे, लेकिन अब दल-बल में भारी वृद्धि करके जवाबी हमला करने और चीनी सीमा में प्रवेश करने की क्षमता भी हासिल कर ली है। एक सूत्र ने कहा कि भारत अब चीन के खिलाफ भी ‘ऑफेंसिव डिफेंस’ की रणनीति अपनाने में नहीं हिचकेगा। इसके लिए एक घाटी से दूसरे घाटी तक सैनिकों और हल्के हॉवित्जर तोपों को लाने-ले जाने में हेलिकॉप्टरों की भी तैनाती सुनिश्चित की गई है।

चीन की चालबाजी
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि चीन ने भारतीय सीमा पर कितने सैनिक तैनात कर रख हैं, लेकिन भारत इस बात से जरूर अवगत है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने तिब्बत से सैनिकों को हाल ही में शिनजियांग मिलिट्री कमांड लाया है। यही कमांड भारत के साथ विवाद वाले इलाकों की पेट्रोलिंग की देखरेख करता है। चीन अभी युद्धक विमानों को रखने के लिए नए रेनवे बिल्डिंग, बम प्रूफ बंकर के अलावा तिब्बत में विवादित सीमा के आसपास नए एयरफील्ड्स भी बना रहा है। सूत्रों के मुताबिक, चीन लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हथियार, टैंक, रॉकेट रेजिमेंट और दो इंजन वाले फाइटर जेट्स भी तैनात करने में जुटा है। इससे जुड़े सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो इस तरह की अटकलों पर वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा।

चीन की तैयारियों के जवाब में जब भारत ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने सैनिकों की संख्या में भारी इजाफा कर दिया है तो इससे दोनों देशों के बीच संघर्ष और खतरनाक स्तर तक पहुंचने की आशंका सताने लगी है। यूं भी सैन्य स्तर की कई दौर की बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पा रहा है और पिछले साल आमने-सामने आए दोनों देशों के सैनिक ज्यादातर इलाकों में अब भी एक-दूसरे पर नजरें गड़ाए हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल और नॉर्दर्न आर्मी के पूर्व कमांडर डीएस हूडा कहते हैं, ‘सीमा के किसी भी तरफ इतनी ज्यादा संख्या में सैनिकों की तैनाती खतरनाक है, खासकर तब जब बॉर्डर मैनेजमेंट प्रॉटोकॉल टूट चुका है।’ उन्होंने कहा, ‘दोनों तरफ से विवादित इलाकों की पेट्रोलिंग में बढ़ती आक्रामकता का प्रदर्शन होगा। ऐसे में स्थानीय स्तर पर छोटी सी भी घटना बड़े संघर्ष में बदल सकती है।’

पाकिस्तान बॉर्डर से शिफ्ट हो रहे सैनिक
सूत्र बताते हैं कि कभी पाकिस्तान से आने वाले आतंकवादियों के लिए तैनात 20 हजार सैनिकों को अभी चीनी सीमा पर उस जगह लाया गया है जहां पिछले वर्ष चीनी सैनिकों के साथ कई झड़पें हुई थीं। ऐसा लगता है कि भारत अब हिमालय की पहाड़ियों पर अपनी सैनिकों की संख्या आगे भी इसी स्तर पर बरकरार रखेगा। संभव है कि इसके लिए पाकिस्तान की सीमा से सैनिकों को शिफ्ट किया जाए।

नवीन कुमार पाण्डेय
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here