केस के साथ बढ़ती चिंता

0
190

देश में हर दिन संक्रमितों और मौतों का नया आंकड़ा सामने आ रहा है। पहली बार एक दिन में रिकॉर्ड 3.79 लाख से ज्यादा नए संक्रमित मिले। इससे पहले 27 अप्रैल को सबसे ज्यादा 3.62 लाख मरीजों की पहचान हुई थी। 24 घंटे के अंदर 3646 संक्रमितों की मौत भी हो गई। ये लगातार दूसरा दिन था जब तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसके पहले मंगलवार को 3286 मौतें रिकॉर्ड की गई थीं। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों, वेंटिलेटर संकट के बीच हर दिन कोरोना के एटिव केस तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अब देश में 30 लाख 77 हजार 75 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। इस मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। अमेरिका में सबसे ज्यादा 68 लाख एटिव केस हैं। हालांकि कोरोना की अगर यही रतार रही तो आने वाले एक महीने के अंदर भारत में सबसे ज्यादा एटिव केस होंगे। तेजी से बढ़ते मामलों के बीच एक अच्छी खबर भी है कि संक्रमण से ठीक होने वालों का आंकड़ा भारत में डेढ़ करोड़ के पार हो गया है। मतलब अब तक देश में 1 करोड़ 50 लाख 78 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे का आंकड़ा देखें तो इस बीच रिकॉर्ड 2.70 लाख लोग रिकवर हुए हैं।

अब तक एक दिन में ठीक हुए मरीजों का ये आंकड़ा सबसे अधिक है। इससे पहले मंगलवार को 2.62 लोग रिकवर हुए थे। ओवरऑल रिकवरी रेट में भी 1.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। ये अब 82.08प्रतिशत हो गया है। दुनिया में कोरोना की चपेट में आने वालों का आंकड़ा 15 करोड़ के पार पहुंच गया है। अब तक 15.02 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 31.63 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि 12.82 लाख लोगों ने कोरोना को मात दी है। फिलहाल 1.93 करोड़ लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें 1.92 करोड़ लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण हैं और 1.10 लाख लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस का इंडियन वैरिएंट बी.1,617 वैरिएंट दुनिया के 17 देशों में पहुंच चुका है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि दुनिया में पिछले हते कोरोना के 57 लाख मामले सामने आए। यह आंकड़े पहली पीक से कहीं ज्यादा हैं। इंडियन वैरिएंट को डब्ल्यूएचओ ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया है। संक्रमितों के मामले में अमेरिका के बाद भारत दूसरे स्थान पर है। ब्राजील तीसे व फ्रांस चौथे स्थान पर है। भारत और विश्व में कोरोना के बढ़ रहे नए केसों को थामने की जरूरत है।

इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को वैश्विक एजेंसी के तौर पर काम करना चाहिए। अभी तक डब्ल्यूएचओ कुछ आंकड़े, कुछ हिदायतें जारी करने से अधिक वैश्विक स्तर पर कुछ खास करता दिखाई नहीं दिया है। वैसीनेशन को लेकर भी डब्ल्यूएचओ ने कोई यूनिफॉर्मिटी नहीं दिखाई है, जैसे अमीर-गरीब सभी तक समान रूप से इलाज, दवा और वैक्सीन पहुंचे। अलग-अलग देशों में वैक्सीन की अलग-अलग की उपलब्धता है, कीमतें हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नाते डब्ल्यूएचओ को विश्व के सभी जरूरतमंदों तक दवा व टीका समान रूप से उपलब्ध करना सुनिश्चित करना चाहिए था। भारत लगातार ऑक्सीजन समेत अन्य मेडिकल उपकरणों की कमी से जूझ रहा है, इसके लिए सरकार ने अपना 16 साल पुराना नियम को बदला है। 2004 में विदेश से सहायता नहीं लेने के नियम को खत्म कर अब विदेशी मदद स्वीकार करने का फैसला किया है। सरकार ने वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर समेत 17 मेडिकल उपकरण आयात करने का फैसला भी किया है। देश में बढ़ रहे केस चिंता बढ़ा रही है, अभी जरूरत केस की रतार में कमी लाने की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here