टीकाकरण पर हो जोर

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कोरोना की दूसरी लहर जिस तरह देश में कहर बरपा रही है, अधिक से अधिक लोगों को चपेट में ले रही है और मौतों की आंकड़ा बढ़ा रही है, वह हेल्थ इमरजेंसी जैसी स्थिति है। अस्पतालों में भी संक्रमितों को राहत कम मिल पा रही है। कहीं ऑक्सीजन की कमी है, कहीं बेड नहीं हैं, कहीं वेंटिलेटर नहीं तो कहीं एंबुलेस या दवा नहीं। मेट्रो व घनी आबादी वाले शहरों में हालात अफरा तफरी जैसे हैं। लोग अपनों को खो रहे हैं और बेबसी ऐसी है कि कुछ कर नहीं पा रहे हैं। डॉक्टरों, नर्सों, अस्पताल के वार्ड वायों पर भारी बोझ है, ये दिन-रात जुटे हुए हैं, पर मरीजों के आने का सिलसिला कम नहीं हो पा रहा है। वीआईपी कल्चरों से भी बड़े अस्पतालों में लोगों को निराशा हाथ लग रही है। तमाम एहतियातों के पालन करते रहने के बावजूद नए संक्रमितों की रफ्तार में कमी नहीं आ रही है। भारत की गंभीर स्थिति को देखते हुए अनेक देशों ने अपने यात्रियों को भारत न जाने की सलाह दी है व उड़ानें रोक दी हैं। ऐसी स्थितियों के लिए सरकारों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

इन गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना को और विकराल होने से बचाने और तीसरी-चौथी लहर को रोकने के लिए देश की 70 फीसदी से अधिक आबादी का टीकाकरण जरूरी है।
कहने का तात्पर्य कि अगर हमें कोरोना को हराना है तो वैक्सीनेशन ड्राइव को जेट की गति से आगे बढ़ाना होगा। देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम का 100 दिन हो गया है। इस वर्ष 16 जनवरी से 24 अप्रैल तक 99 दिनों में 14 करोड़ 8 लाख 2 हजार से ज्यादा यानी 10 प्रतिशत आबादी को ही वैसीन की डोज दी गई है। इनमें 11 करोड़ 85 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें एक डोज दी गई है। 2 करोड़ 22 लाख लोगों को दोनों डोज लग चुकी है। 70 फीसदी के स्तर पर लाने के लिए रोजाना लाखों लोगों को टीका लगाने की जरूरत है। पीएम मोदी ने भी रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में वैक्सीनेशन ड्राइव को तेज करने पर जोर दिया है। उन्होंने लोगों से टीके को लेकर किसी प्रकार की अफवाहों से दूर रहने व भ्रम ना फैलाने की अपील की है। दरअसल, कोरोना से लडऩे के लिए पॉजिटिव सप्रिट बहुत ज्यादा जरूरी है। देशवासियों को इसे बनाये रखना होगा। चूंकि डॉटर, नर्स, लैब टेनीशियन, एंबुलेंस ड्राइवर देवदूत की तरह संक्रमितों की सेवा कर रहे हैं।

इस दौरान उन्हें कई नकारात्मक चीजों का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उनकी सेवाओं को आदरभाव से लेने की जरूरत है। अब एक मई से टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू होने वाला है, जिसमें 18 साल से 45 साल के लोगों को टीका लगाया जाएगा। इसे देखते हुए कंपनियों ने खुले बाजार में अपने टीके की कीमत में बढ़ोत्तरी कर दी है, हालांकि 17 से अधिक राज्यों ने अपने यहां के पात्र लोगों के लिए टीका फ्री कर दिया है। ये राज्य हैं-मध्य प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, गोवा, केरल, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम, सिकिम, प. बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा। अब तक हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को मुफ्त में वैसीन लगाई जा रही थी। टीकाकरण में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने सरकारी व निजी दोनों अस्पतालों को डोज देने के लिए कहा है। देशवासियों को चाहिए कि 18 वर्ष से ऊपर के लोग बढ़-चढ़ कर टीका लगवा कर वैक्सीनेशन के महाभियान को सफल बनाएं।

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