गत दो माह से देश के अंदर कोरोना वायरस एक फिर अपने पैर पसार रहा है। देश में जहां आम जनता में वायरस को लेकर खौफ का माहौल है वहीं सरकार भी वायरस को खत्म करने के अथक प्रयास कर रही है। सरकारी प्रयासों को प्रभावहीन बना रही है अस्पतालों की व्यवस्थाएं। जिससे मरीज व तीमारदारों का भरोसा टूट रहा है। खबर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल से है जहां तीमारदारों ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर उंगली उठाते हुए अस्पताल प्रबंधन को दो मरीजों की मौत का कुसूरवार बताया है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते मध्य प्रदेश कोरोना संक्रमण के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। जेपी अस्पताल में भर्ती दो मरीजों के तीमारदारों ने आरोप लगाया कि उनके मरीजों रामरती अहिरवार व सीबी मेश्राम की मौत अस्पताल में ऑसीजन सप्लाई को रोकने से हुई हालांकि अस्पताल प्रबंधन तीमारदारों के आरोपों को खारिज करते हुए उनकी मौत उनकी गंभीर हालत के सबब बता रहा है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस मामले में जांच का आदेश न करना इससे भी अधिक लापरवाही को दर्शा रहा है।
रामरती के बेटे जीवन की बातों पर यकीन किया जाए तो उन्होंने तेज बुखार के चलते उन्हें जेपी अस्पताल में भर्ती कराया था जांच में उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई तो आईसीयू में रेफर कर दिया। जीवन का आरोप है कि रात को आसीजन सप्लाई बंद होने से रामरती चिल्ला रही था लेकिन गार्ड उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। सुबह को अस्पताल वालों ने मृत अवस्था में बाहर कर दिया। दूसरी ओर सीबी मेश्राम को निमोनिया की शिकायत थी और उनकी रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी मौत होना अस्पतालकर्मियों की लापरवाही को उजागर कर रहा है। महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है जहां प्रतिदिन दो हजार से अधिक नए संक्रमित मिल रहे हैं, इसके बावजूद यदि लापरवाही देखने को मिलती रही तो धरती के भगवान कहे जाने वाले डाक्टरों पर को भरोसा करेगा। मध्य प्रदेश के तीन जिले इंदौर, भोपाल और जबलपुर की स्थिति भयावह है। स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन तीनों जिलों में अफसरों की टीम भोपाल से रवाना करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में अब 52 में से 32 जिले ऐसे हैं, जहां एक दिन में 20 से अधिक कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। कोरोना के पैर पसारने के बाद प्रदेश में लगभग बीस हजार मरीज हो गए।
इससे स्पष्ट है कि कोरोना की दूसरी लहर अब छोटे शहरों को भी अपनी चपेट में ले रही है। मध्य प्रदेश के दर्जनों शहर के अलावा महाराष्ट्र में भी कोरोना पैर पसार रहा है। एक दिन में 43 हजार से अधिक मरीज मिलना यहां की भयावह स्थिति को दर्शा रहा है। ब्राजील, भारत, अमेरिका, फ्रांस के बाद महाराष्ट्र के संक्रमितों की संया आती है। बढ़ते संक्रमण के चलते सत हुई सरकार ने पुणे में अगले सात दिन के लिए अंतिम संस्कार व शादी के कार्यक्रम को छोड़कर सार्वजनिक कार्यक्रम पर रोक लगाई है। शादी के लिए भी प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। अंतिम संस्कार में बीस व शादी के कार्यक्रम में 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है। कोरोना को रोकने के लिए सरकार के साथ-साथ देश की जनता को भी जागरूक होना पड़ेगा, इसको हल्के में लेना बहुत बड़ी भूल होगी। हमें यह सोच बनानी होगी कि जिस व्यति से हम मिल रहे हैं वह कोरोना संक्रमित है। प्रत्येक से मिलने पर हमें कोविड के नियमों का पालन करना होगा।