11 तारीख को महाशिवरात्रि और 13 को अमावस्या, 29 को खेली जाएगी होली

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वाराणसी। 2021 का तीसरा महीना मार्च शुरू हो गया है। इस माह में हिन्दी पंचांग के कई बड़े त्योहार मनाए जाएंगे। माह में शिवरात्रि और अमावस्या के बाद होलिका दहन होगा। जानिए माह की खास तिथियों पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

फाल्गुन शुरू: हिन्दी पंचांग का अंतिम 12वां महीना फाल्गुन शुरू हो गया है। इस महीने में शिवरात्रि (11 मार्च) और होलिका दहन (28 मार्च) जैसे बड़े पर्व मनाए जाएंगे। इसे फागुन भी कहते हैं। फागुन में भगवान श्रीकृष्ण के तीन स्वरूपों की पूजा खासतौर पर की जाती है। जो लोग संतान सुख पाना चाहते हैं, उन्हें बालकृष्ण की पूजा करनी चाहिए। जो लोग परिवार में सुख-शांति बनाए रखना चाहते हैं, उन्हें राधा-कृष्ण और जो लोग ज्ञान पाना चाहते हैं, उन्हें गुरु कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।

श्रीकृष्ण के साथ ही चंद्रदेव की भी पूजा जरूर करें: फाल्गुन उत्सव के साथ ही अध्यात्म और प्रकृति के नजरिए से बहुत खास है। शिव-पार्वती के विवाह की तिथि महाशिवरात्रि इसी महीने मनाई जाती है। रंगों का त्योहार होली 29 मार्च को खेला जाएगा। साथ ही, ये महीना वसंत ऋ तु का भी है। इस माह में प्रकृति में कई बदलाव होते हैं। इस माह में मेडिटेशन जरूर करना चाहिए। फाल्गुन में श्रीकृष्ण और चंद्र की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि चंद्रदेव का जन्म फाल्गुन माह में ही हुआ था।

दैनिक जीवन में करें बदलाव: इस महीने से गर्मी बढऩे लगेगी। इस वजह से खानपान में बदलाव करना चाहिए। ऐसी चीजें खाने से बचें, जिनकी वजह से अपच की शिकायत हो सकती है। संतुलित आहार लें। सजियां अधिक से अधिक खाएं। सुबह जल्दी उठें और व्यायाम करें। कुछ देर ध्यान करें। स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं और पूजा-पाठ करके दिन की शुरुआत करें।

माह के खास दिन: मंगलवार, 9 मार्च को विजया एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत करें। भगवान श्रीकृष्ण को माखन मिश्री का भोग लगाएं। कृं कृष्णाय नम- मंत्र का जाप करें। शनिवार, 13 मार्च को फाल्गुन माह की अमावस्या है। इस दिन पितर देवता के लिए विशेष धूप-ध्यान करें। श्राद्ध और तर्पण करें। पीपल को जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें। रविवार, 14 मार्च को मीन संक्रांति है। इस दिन सूर्य कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन से खरमास प्रारंभ हो जाएगा। संक्रांति पर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। सूर्य की पूजा करें। बुधवार, 17 मार्च को विनायकी चतुर्थी है। इस दिन गणेशजी को दूर्वा चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। व्रत- उपवास करें। रविवार, 21 मार्च से होलाष्टक शुरू हो जाएगा। इस दिन के बाद से सभी तरह के शुभ काम वर्जित हो जाएंगे। बुधवार, 24 मार्च को आमलकी एकादशी है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास करें। रविवार, 28 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा है। इस तिथि पर होलिका दहन किया जाएगा। अगले दिन सोमवार को होली खेली जाएगी। नया हिन्दी माह चैत्र शुरू हो जाएगा। बुधवार, 31 मार्च को गणेश चतुर्थी व्रत रहेगा। गणेशजी के लिए व्रत करें। गणपति भगवान के नामों का जाप करें।

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