हिन्दुओं को समझाए कि मूर्ख नहीं बनो। सामने वाले शनि हैं हम हनुमान हैं! हां, हकीकत आज हिन्दू कड़ाव में उबाल की है। मोदी-शाह द्वारा हिन्दुओं को मूर्ख बनाने, भरमाने, बहकाने की सुनामी की है। लेकिन विपक्ष में प्रतिरोध की, समझाने की ताकत नहीं।।
कांग्रेस में सन्नाटा है। विपक्ष किंकर्तव्यविमूढ़ है। सेकुलर छाती कूट रहे हैं। और वजह इनका अंधा होना है। इन्हें दिख नहीं रहा है कि चुनावी अखाड़े में इन्हें सामने खड़े जिन मोदी-शाह से लड़ना है उनका पाला उस भगवा रंग में रंगा गया है, जिससे औसत हिन्दू जोश खाता है। जिससे उस हर घर में भावनाओं का उबालए भभका बनता है जो बतौर हिन्दू अपनी पहचान मानता है। जो हिन्दू होते हुए खतरों पर सोचता है। सोचें, एक पाला भगवा और उसकी तरफ हिन्दुओं को धकेलते भक्त-मूर्खों का जयकारा व हल्ला तो दूसरी और सामने पुराने फीके-बुझे रंगो के सेकुलर अखाड़े में खड़ा विपक्ष इस दुविधा, अंधेपन में कि कैसे वह अपने को सच्चा हिन्दू बताए। या हिन्दुओं को समझाए कि मूर्ख नहीं बनो सामने वाले शनि हैं हम हनुमान हैं! हां, हकीकत आज हिन्दू कड़ाव में उबाल की है। मोदी-शाह द्वारा हिन्दुओं को मूर्ख बनाने, भरमाने, बहकाने की सुनमी की है। लेकिन विपक्ष में प्रतिरोध की, समझाने की ताकत नहीं। दुविधा कि करें तो क्या करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि राहुल गांधी, विपक्ष तभी कुछ कर पा सकते है जब उसने भी अपना टेंट भगवा बनाया हुआ हो। हिन्दू कुंभ का आस्था केन्द्र है। लेकिन कुंभ का पूरा आयोजन ही यदि मोदी-शाह-योगी उनके भक्त साधु-संतों ने कब्जाया हुआ है और वहां कांग्रेस विपक्ष, सेकुलर लेफ्ट पंड़ो-संतों का टेंट, अस्तित्व भी नहीं हो तो हिन्दुओं पर मोनोपॉली मोदी-योगी की बनेगी या नहीं। सवाल है क्यों नहीं प्रियंका मायावती ने कुम्भ में डुबकी लगाई।
क्योंकि इन्हें कुंभ का अर्थ, इसके हिन्दुओं को पटाने की समझ, बुद्धि, दृष्टि नहीं है। ठीक विपरित मोदी-शाह-योगी ने ठाना हुआ है कि मई 2019 में लोकतंत्र का जो महाचुनावी कुंभ होना है उसमें ऐसा कोई पंडाल बेन ही नहीं, जहां से हिन्दू के लिए कांग्रेस, सपा-बसपा, लेफ्ट, सेकुलर का प्रचार सुनाई दे। मैं भटक रहा हूं। मगर कुम्भ की तुलना, एनालॉजी ठीक बन रही है। प्रयागराज के अर्द्ध कुम्भ को मोदी-योगी ने हजारों करोड़ रूपये फूंक कर उसे पूर्ण कुम्भ बता हिन्दुओं को बहकाया, मूर्ख बनाया। आस्था का दोहन किया। पर किया तो किया! विपक्ष का अंधापन है, जो कुछ नहीं किया। वहां बेचारे सनातनी हिन्दू के सच्चे शंकराचार्य स्परूपानंद ने टेंट लगाया था।
राम मंदिर बनाने की बात की। अयोध्याय के लिए कूच करने की सोची। लेकिन मोदी-योगी-संध के प्रबंधन, हल्ले के चलते शंकराचार्य के लिए हिन्दू नहीं उमड़े। अंधी कांग्रेस के राहुल-प्रियंका या दिग्विजय सिंह को समझ नहीं आया कि कुम्भ जा कर इस शंकराचार्य से आशीर्वाद लें, उनके साथ बैठ कर हिन्दू एजेंडा बनाएं। भरोसा दें कि कांग्रेस बनवाएगी राम मंदिर। ये ढ़ोंगी हैं, शनि जबकि हम हनुमान हैं, आप सच्चे-सनातनी हैं और तभी कांग्रेस आज घोषणा करती है, प्रण लेती है कि आपके राम मंदिर के रोडपैम में हम हनुमान वाली भूमिका बनाएंगे। पर ऐसी समझ बुद्धि, आंखे कांग्रेस व विपक्ष की नहीं है।
इतना भी नहीं देख सके कि कुम्भ का हल्ला मोदी-योगी ने असल में चुनावी महाकुम्भ के लिए बनाया है। चुनावी अखाड़े में अपने पाले को भगवा बनाने के मकसद से है। ऐसे ही पुलवामा के बाद का सीन है आतंकी हमले और उसके बाद पूरे घटनाक्रम का मकसद हिन्दू हल्ला बनाना है, हिन्दुओं का बहकाना है, मूर्ख बनाना है लेकिन विपक्ष के पास वह बुद्धि, वह कह सके कि हिन्दुओं मूर्ख मत बनो। आतंकियों के खिलाफ मोदी सरकार के पांच साल फेल हैं। हिन्दुओं के पांच साल, उनका ऐतिहासिक जनादेश जया हुआ है। मोदी-शाह की बातें झूठी हैं। सैनिकों की मौत के लिए जितने आतंकी जिम्मेवार हैं उतनी ही मोदी सरकार की लापरवाही जिम्मेवार है। पर ऐसा हल्ला करने के लिए पहले हिन्दू बनना होगा। प्रामाणिक हिन्दू होने होने की वह साख-धाक होनी चाहिए, जिससे दूसरा पक्ष, ऑल्टरनेटिव नैरेटिव सुनने-सोचने के लिए अभक्त, सनातनी आम हिन्दू मजबूर हो।।
लेखक
हरि शंकार व्यास