कश्मीर : जरा संयम बरतें गृह मंत्रालय सतर्क

0
257

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत ही सामयिक निर्देश जारी किया है। उसने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस मुखि़याओं को आदेश दिया है कि कश्मीरी छात्रों, नागरिकों और अन्य अल्पसंख्यकों के विरुद्ध यदि कहीं भी कोई डराने-धमकाने, बहिष्कार करने, मारने-पीटने आदि की आपत्तिजनक कार्रवाई हो रही हो तो उसे रोकने के लिए वे तुरंत कदम उठाए। भारत सरकार की तरफ से एटार्नी जनरल ने अदालत को बताया कि गृह मंत्रालय ने ऐसे आदेश पहले से जारी कर रखे हैं।

इस पर अदालत ने ऐसे ही आदेश दुबारा जारी करने को कहा, क्योंकि देश के कई राज्यों से खबरें आ रही हैं कि कश्मीरी छात्रों के साथ मार-पीट की जा रही है, कश्मीरी दुकानदारों को दुकानें खोलने नहीं दी जा रही हैं, कश्मीरी सम्मान का बहिष्कार किया जा रहा है और जयपुर की जेल में एक पाकिस्तानी कैदी की हत्या भी कर दी गई है।

इसमें शक नहीं कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमारे सैनिकों के हत्याकांड ने देश का दिल दहला दिया है। लोग गुस्से से भरे हुए हैं। वह हत्यारा आदिल दर कश्मीरी था। इसलिए कश्मीरियों के प्रति आक्रोश होना स्वाभाविक है। लेकिन आम लोग अपना गुस्सा उन कश्मीरियों पर निकाल रहे हैं, जिनका उस घटना से कुछ लेना-देना नहीं है और जो कश्मीर के बाहर रहकर अन्य भारतीय भाइयों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।

यदि देश के गैर-कश्मीरी नागरिक आज के वक्त उसके साथ बुरा बर्ताव करेंगे तो उसका परिणाम क्या होगा ? उनमें अलगाव की भावना बढ़ेगी। वे अपने आप को अजनबी समझेंगे। जो नौजवान डर के मारे अपने घर कश्मीर लौट रहे हैं, क्या वे हताशा के शिकार नहीं होंगे ? अपनी पढ़ाई और काम-धंधा छोड़कर जो लोग घर बैठेंगे, क्या उनमें से कुछ आतंकवादियों के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर नहीं होंगे ?

इन लोगों को डरा-धमकाकर क्या हम लोग उन लाखों कश्मीरियों को गलत राह पर नहीं ढकलेंगे, जो भारत में रहना चाहते हैं, जो आतंकवाद को पसंद नहीं करते हैं और जिन्हें अलगावववाद की बात भी कतई पसंद नहीं है ? शांतिपूर्ण कश्मीरियों को डराने-धमकानेवालों को इस तथ्य पर भी विचार करना चाहिए कि इस तरह की खबरों से दुनिया में भारत की छवि भी कितनी खराब होगी ?

सर्वोच्च न्यायालय का आदेश इस दृष्टि से भी सराहनीय है। राज्य सरकारों ने कई नौजवानों को गिरफ्तार भी किया है, क्योंकि वे कश्मीरी छात्रों को तंग कर रहे थे लेकिन कई कश्मीरी छात्र काफी आपत्तिजनक नारेबाजी करते हुए भी पाए गए हैं। इंटरनेट और फेसबुक पर उन्होंने ऐसी आपराधिक चरित्र की बातें प्रसारित की हैं कि उन्हें भी हवालात की हवा खानी पड़ी है। इस नाजुक मौके पर देश के सभी तबकों को बहुत संयम और सावधानी बरतनी होगी, वरना बड़े पैमाने पर गड़बड़ फैल सकती है।

   डॉ. वेदप्रताप वैदिक
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार है।)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here