झूठ बोलने के तीन ही कारण हो सकते हैं। पहला- उसे सत्य का ज्ञान ही न हो, दूसरा- उसने जानबूझकर भ्रम फैलाने के लिए गलत तथ्य प्रस्तुत किये और तीसरा यह कि पब्लिक बुद्घू है, उसे जो कहा जाएगा वह उसे ही सच मान लेगी। अब तक इस तरह की झूठ परोसे जाने की दर्जनों घटनाएं सामने आ चुकी हैं। कुछ मिथ्या व भ्रामक तथ्य तो उनके श्रीमुख से निसृत हुए हैं, जिन्हें देश की 35-36 प्रतिशत आबादी ने नेता नहीं देवता मान लिया है। जब उन्होंने कहा- ‘संत कबीर, गुरुनानक और बाबा बालकनाथ एक साथ बैठकर धर्म चर्चा करते थे’-तब भी लोगों ने तालियां बजाईं। और जब उन्होंने कहा कि नेहरू ने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की उस अंतिम इच्छा तक का सम्मान नहीं किया, जिसमें डॉक्टर साहब ने कहा था कि लंदन से मेरी अस्थियां ले जाकर आजाद भारत में प्रवाहित की जाएं- तब लोगों ने शेम-शेम के नारे लगाये थे। ऐसी अनेक बातें हैं। लेकिन इन दोनों ‘प्रवचनों’ में गलत क्या है- यह आप स्वयं तलाशने का प्रयास करें।
गूगल बाबा आपकी इसमें पूरी मदद करेगा। बहरहाल-ताजा मामला दुनिया की सबसे अधिक सदस्य संया वाली राजनीकि पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का है। हुआ यूं कि जब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार से चीन के मामले में सोच-समझकर कदम उठाने को कहा तो नड्डा जी बुरा मान गए, उन्हें गुस्सा आ गया। उन्होंने तत्काल ट्वीट कर पलटवार किया और कहा’डॉ. मनमोहन सिंह उसी पार्टी से आते हैं जिसने लाचारी में 43,000 किलोमीटर का भारतीय इलाका चीन को सौंप दिया। यूपीए के शासन में बिना लड़े भयानक रणनीतिक और प्रादेशिक आत्मसमर्पण कर दिया गया था। यह सबने देखा था। समयसमय पर हमारी सेनाओं का अपमान किया गया।’ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस पर हमला तो जबरदस्त किया लेकिन उनसे एक बड़ी चूक हो गई- शायद अज्ञानवश या क्रोध में। सच्चाई यह है कि चीन के कब्जे में भारत का 43,000 वर्ग किलोमीटर का इलाका है, न कि 43,000 किलोमीटर का।
किलोमीटर दूरी लंबाई चौड़ाई नापने का पैमाना होता है। जबकि वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल नापने का पैमाना होता है। नड्डा जी फंस गये। सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें आड़े हाथों लिया और उन्हें बताया कि पूरी धरती की परिधि मात्र 40,075 किलोमीटर की है। जिसमें से 43,000 किलोमीटर भारतीय इलाका चीन के कब्जे में कैसे हो सकता है। नेहा नाम की यूजर ने लिखा- ‘43000 किमी या चांद और मंगल को भी इसी में शामिल कर लिया है? चीन से ताजा सीमा विवाद पर 19 जून को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारतीय सीमा में कोई नहीं घुसा। इस पर विपक्ष ने सवाल उठाये थे। तब 20 जून को प्रधानमंत्री कार्यालय ने सफाई दी और बताया कि भारत का 43 हजार वर्ग किलोमीटर इलाका चीन के कब्जे में है।
पीएमओ की इस दलील पर कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए कहा- ’11 मार्च 2020 को संसद में विदेश राज्यमंत्री वी.मुरलीधरन ने बताया था कि लद्दाख में 38,000 वर्ग किलामीटर का इलाका चीन के कब्जे में है। जबकि पीएमओ का कहना है कि 43,000 वर्ग किलोमीटर इलाका चीन के पास है। या हमनेअपनी 5000 वर्ग किलोमीटर जमीन खो दी है?’ वास्तव में सच्चाई तो यही है कि चीन के कब्जे में 43,180 वर्ग, किलोमीटर इलाका ही है क्योंकि संसद में मौजूद दस्तावेज कहते हैं कि 20 साल में करीब 30 बार संसद में चीन के पास 43 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके का ही जिक्र हुआ। यह ठीक है कि चीन ने 38,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर ही कब्जा किया था लेकिन पाकिस्तान ने चीन के साथ समझौते में पाक अधिकृत कश्मीर के 5180 वर्ग किलोमीटर के इलाके को चीन को दे दिया था। इस तरह चीन के पास भारत का कुल 43180 वर्ग किलोमीटर इलाका ही है। कांग्रेस को यह समझना चाहिए।
राकेश शर्मा
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)