गीता का सार

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जब व्यक्ति धार्मिक मार्ग से हट जाता है और सांसारिक मोहमाया में फंस जाता है तो वह परमात्मा से दूर हो जाता है। ऐसा व्यक्ति अशांत व असंतोषी हो जाता है। अनहोनी के लिए ईश्वर को दोषी ठहराता है।

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