4 सितम्बर का पंचाग

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🌤️ दिनांक – 04 सितम्बर 2022
🌤️ दिन – रविवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – शरद ॠतु
🌤️ मास – भाद्रपद
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – अष्टमी सुबह 10:39 तक तत्पश्चात नवमी
🌤️ नक्षत्र – जेष्ठा रात्रि 09:43 तक तत्पश्चात मूल
🌤️ योग – विषकंभ दोपहर 02:24 तक तत्पश्चात प्रीति
🌤️ राहुकाल – शाम 05:19 से शाम 06:52 तक
🌞 सूर्योदय – 06:24
🌦️ सूर्यास्त – 18:51
👉 दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
🔥 विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
💥 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
💥 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
💥 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।

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