अगर बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता है और पढ़ा हुआ याद नहीं रह पाता है तो संभव है कि घर में वास्तु दोष हो सकते हैं। वास्तु दोष की वजह से घर का वातावरण नकारात्मक हो जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार वास्तु दोषों की वजह से विचारों की नकारात्मकता बढ़ती है और एकाग्रत नहीं बन पाती है। जानिए बच्चों के स्टडी रूम से जुड़ी कुछ वास्तु टिप्स…
स्टडी रू म पश्चिम या दक्षिण दिशा में शुभ होता है। इस रूम का रंग हल्का हरा या इससे मिलता-जुलता हो तो अच्छा है, क्योंकि ये बुध का रंग है। बुध शिक्षा का कारक ग्रह है। स्टडी रूम में पढऩे के लिए मेज कभी भी कोने में नहीं होनी चाहिए। मेज या टेबल हमेशा रूम के बीच में दीवार से थोड़ी हटकर होनी चाहिए। पढ़ाई करते समय बच्चे का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रहना चाहिए। इससे पढ़ाई में एकाग्रता बनी रहती है। स्टडी रूम में मां सरस्वती और भगवान श्रीगणेश की तस्वीर हो तो अच्छा रहता है। इससे शुभ फल मिलते हैं।टेबल पर पिरामिड भी रख सकते हैं। इससे पिरामिड के शुभ असर स्टडी रूम में ऊर्जा बढ़ती है। ध्यान रखें स्टडी रूम में किताबें कभी भी इधर-उधर फैली हुई नहीं होनी चाहिए। बच्चों को रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए और कुछ देर मेडिटेशन करना चाहिए। इससे एकाग्रता बढ़ती है। मेडिटेशन करने से बच्चों के क्रोध में कमी आएगी और उनका मन शांत रहेगा और पढ़ाई ठीक से कर पाएंगे।