योगी सरकार ने यूपी की अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन करने के इरादे को जमीन पर उतारने की गरज से बुनियादी अवस्थापनाओं को आगे बढ़ाने का एक खाका पेश किया है। इन तीन वर्षों में इस सरकार ने दो इन्वेस्टर समिट करके राज्य में निवेश को बढ़ाने की बड़ी पहल की है। इस बजट में 2022 के चुनाव की तैयारी भी साफ दिखती है जिस तरह समाज के हर तबके का ध्यान रखा गया है उसी का अस है यह बजट। सरकार ने अपने चौथे बजट में तलाकशुदा महिलाओं से लेकर किसानों तक को साधने कोशिश की। वर्ष 2020-21 के लिए 5,12,860.72 करोड़ रुपये के बजट में सेफ सिटी लखनऊ योजना के लिए 97 करोड़, तेजाब, बलात्कार से पीडि़तों को आर्थिक सहायता के लिए 28 करोड़, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। साथ ही तलाकशुदा महिलाओं को 500 रुपये महीने पेंशन मिलेगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश हुआ राज्य के इतिहास का यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। पिछला बजट 4 लाख 28 हजार करोड़ का था।
सरकार ने पिछली बार की तरह इस बार भी बजट में धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान दिया है।अयोध्या समेत यूपी के सात शहरों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।वाराणसी में संस्कृति केंद्र की स्थापना के लिए बजट में 180 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वॉटर स्पोट्र्स के लिए 25 करोड़ रुपये, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के लिए 200 करोड़ रुपये का भी प्रावधान किया गया है। बजट में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 358 करोड़ रुपये, आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 286 करोड़ रुपये तथा गोरखपुर और अन्य शहरों की मेट्रो के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रस्तावित किए गए हैं।2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बजट में सरकार का खास फोकस युवाओं और किसानों के साथ प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाने पर है। बजट में सबसे ज्यादा जोर युवाओं के लिए शुरू की जाने वाली इंटर्नशिप स्कीम पर है। हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा की थी।
योजना के तहत हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले युवाओं को 2500 रुपये मानदेय दिया जाएगा। साथ ही उनके लिए रोजगार की व्यवस्था भी की जाएगी। बजट में 10 नई यूनिवर्सिटी खोले जाने के लिए भी रकम का प्रावधान किया गया है । इनमें से तीन राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़, आजमगढ़ और सहारनपुर में खोले जाएंगे। इसके अलावा गोरखपुर में बनने वाली आयुष यूनिवर्सिटी, फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी और कौशल विकास विश्वविद्यालय के लिए भी बजट की व्यवस्था हुई है। विधानसभा चुनावों से पहले योगी सरकार विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लेना चाहती है।
इसी कड़ी में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी 29 फरवरी को करेंगे। एक्सप्रेस-वे को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए बजट में रकम का प्रावधान किया गया है । साथ ही, दीपावली तक शुरू होने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए भी बड़ी रकम का इंतेजाम किया गया है। मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे की जमीन खरीद और डीपीआर तैयार करने के लिए बजट की व्यवस्था की गई है।बजट में प्रस्तावित राशि का सही ढंग से इस्तेमाल हो सके इस पर काफी कुछ निर्भर करेगा। यह आश्वस्त करने वाली बात है कि राजस्व घाटा 3फीसदी से भी नीचे दर्शाया गया है।