शिक्षक जीवन जीने की कला सिखाता है-डा. अतुल कृष्ण बौद्ध

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गुरूकुल परम्परा का बेमिसाल संगम है सुभारती विश्वविद्यालय- डा.हरिओम पवार

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय का 11वां स्थापना दिवस एवं शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व भारतीय उच्चयुक्त श्री जे.के. त्रिपाठी ने की शिरकत। डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने विशेष घोषणा करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिवस 17 सितम्बर को ”राष्ट्रनीति दिवस” एवं माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के जन्म दिवस 22 अक्टूबर को ”कूटनीति दिवस” के रूप में मनाने का भारत सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे ताकि अखण्ड भारत का सपना पूरा हो सके।

मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के मांगल्य प्रेक्षागृह में सुभारती विश्वविद्यालय का 11वां स्थापना दिवस एवं शिक्षक दिवस भव्य रूप से आयोजित हुआ। समारोह का शुभांरभ मुख्य अतिथि पूर्व भारतीय उच्चयुक्त श्री जे.के. त्रिपाठी ने विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय कवि डा. हरिओम पवार, सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध, कुलाधिपति श्रीमति स्तुति नारायण कक्कड, कुलपति डा. एन.के आहूजा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज, कर्नल एस.सी त्यागी एवं सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा हिरो हितो ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम का शुभांरभ किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्र्रस्तुत की व इसके बाद बौद्ध विद्वान भंते डा. राकेश आन्नद के नेतृत्व में बौद्ध भिक्षूओं ने मंगलाचरण वंदना प्रस्तुत कर सभी को प्रेम,करूणा,मैत्री का संदेश दिया।

मुख्य अतिथि श्री जे.के. त्रिपाठी को विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमति स्तुति नारायण कक्कड़ ने सुभारती पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत पौधा देकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया, विशिष्ट अतिथि डा. हरिओम पवार को सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने पौधा देकर उनका स्वागत किया। मुख्य अतिथि श्री जे.के. त्रिपाठी की धर्मपत्नी श्रीमति त्रिपाठी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने पौधा देकर उनका स्वागत किया।

स्वागत भाषण को संबोधित करते हुए सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति डा.एन.के आहूजा ने कहा कि शिक्षक दिवस का दिन अध्यापकों का दिन है जो समाज को नई दिशा देकर उन्हें सत्य के मार्ग पर ले जाते है साथ ही समाज का प्रतिनिधित्व करते है। उन्होंने समारोह में आए सभी अतिथियों एवं शिक्षकों का स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिन महत्वपूर्ण इसलिये भी है कि आज ही के दिन शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता की भावना के साथ सुभारती विश्वविद्यालय स्थापित हुआ और आज ग्यारह वर्षों में सुभारती विश्वविद्यालय विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन कर शिक्षा के मंदिर के रूप में ज्ञान का प्रकाश फैला रहा हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामनाएं देते हुए बताया कि शिक्षक दिवस को विशेष बनाने हेतु विश्वविद्यालय के नये विद्यार्थियों के लिये ऑरिएंटेशन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है जो दिनांक 06.09.19 तक चलेगा।

सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने अपने वक्तव्य की शुरूआत गुरूर्ब्रहमा गुरूर्विष्णु गुरूर्देवो महेश्वर गुरू साक्षात परब्रहमा तस्मै श्रीगुरवे नमः पढ़ कर सभी गुरूओं को नमन करके की जिससे मांगल्य प्रेक्षागृह तालियों की गड़गड़ा हट से गूंज उठा व सभी भावविभोर हो गए। उन्होंने मुख्य अतिथि पूर्व भारतीय उच्चयुक्त श्री जे.के. त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय कवि डा. हरिओम पवार का स्वागत करते हुए सभी को शिक्षक दिवस के इतिहास से रूबरू कराया। उन्होंने शिक्षक दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सबसे पहला शिक्षक मनुष्य के जीवन में माता होती है दूसरा शिक्षक पिता के रूप में होता है जो जीवन में संघर्ष करना सीखाता है तथा तीसरा शिक्षक हर वो व्यक्ति होता हो जो मनुष्य का ज्ञान वर्धन करके उसे नई दिशा देता है। उन्होंने सभी छात्र छात्राओं को सफलता प्राप्त करने के लिये चीटी जैसे सबसे छोटे जीव द्वारा अपने लक्ष्य को दृढ़ संकल्प लेकर हासिल करने के प्रयासों को अपने जीवन में लागू करने का निवेदन किया।

उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर विशेष घोषणा करते हुए कहा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा भारत को अखण्ड बनाने के लिये किये जा रहे कार्यों के प्रोत्साहन हेतू आगामी 17 सितम्बर को मोदी जी के जन्मदिवस को राष्ट्रनीति दिवस के रूप में भारतवर्ष में मनाया जाना चाहिए एवं कश्मीर जैसी विकराल समस्या का अपनी कुशल कूटनीति से हल करने वाले भारत के माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के जन्म दिवस 22 अक्टूबर को कूटनीति दिवस के रूप में मना कर भारत को मजबूती देने का संकल्प लिया जाना चाहिए, इन दोनो प्रस्तावों को सुभारती विश्वविद्यालय भारत सरकार से पारित कराने हेतु आग्रह करेगा। उन्होंने अंत में कहा कि संसार के सबसे बड़े गुरू तथागत गौतम बुद्ध है जो विश्व समुदाय को एकता का संदेश देकर अपने पंचशील के सिद्धांतां से विश्व को एक परिवार के रूप में विकसित करने का मार्ग दर्शन करते है और इसी मार्ग पर सुभारती विश्वविद्यालय चल कर अपने छात्र छात्राआें को शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता भावना को जाग्रत कर रहा है।

कश्मीर भूमण्डल का स्वर्ग है-राष्ट्रीय कवि डा. हरिओम पवार

विशिष्ट अतिथि डा.हरिओम पवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक ईश्वर का दूसरा रूप होते है जो हमारे जीवन में बदलाव लाकर मानव की सफलता का माध्यम बनते है। उन्हांने इस दौरान कश्मीर पर लिखित अपनी प्रसिद्ध कविता सुना कर सभी को देशभक्ति की भावना में प्रवाहित कर दिया। उन्होंने मोदी सरकार के द्वारा भारत के लिये कलंक स्वरूप धारा 370 को हटाने पर बधाई देते हुए कहा कि मोदी जी अखण्ड भारत बनाने का हर भारतीय के सपना को पूरा कर रहे है, जो हमारे लिये बड़े गर्व की बात है। उन्होंने सैनिको के जीवन पर आधारित भी अपनी कविता सुनाई एवं सभी छात्र छात्राओं को देश की रक्षा के लिये अपने प्राण त्याग ने वाले वीर सैनिको व उनके परिवार का सम्मान करने की अपील की, साथ ही सुभारती विश्वविद्यालय के द्वारा शहीदों के परिवार के सम्मान हेतु किये जा रहे कार्यो की सराहना की।

मुख्य अतिथि पूर्व भारतीय उच्चयुक्त श्री जे.के. त्रिपाठी ने संस्कारों को अपनाने की अपील की
मुख्य अतिथि श्री जे.के. त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कारों को अपनाना जीवन में सफलता का सूत्र बनता है व जिस तरह सुभारती विश्वविद्यालय सेवा भाव व संस्कारों के साथ अपने छात्र छात्राओं का ज्ञान वर्धन कर रहा है वह गुरूकुल परम्परा का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि ज्ञान हर व्यक्ति का शिक्षक होता है जो विभिन्न परिस्थिति में अपने कर्तव्यों को निभाना और संस्कारों पर बने रहने की सीख देता है इसलिये संपूर्ण जीवन मानव को सीखते रहना चाहिए। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से अनुशासन में रहकर अपने गुरूजनों का सम्मान करने के साथ भारत को स्वच्छ बनाने की अपील की।

समारोह में मुख्य अतिथि श्री जे.के. त्रिपाठी एवं श्रीमति त्रिपाठी के साथ विशिष्ट अतिथि डा. हरिओम पवार को सुभारती विश्वविद्यालय की संस्थापिका डा.मुक्ति भटनागर, कुलपति डा.एन.के आहूजा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज, सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो ने स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

कुलाधिपति श्रीमति स्तुति नारायण कक्कड़ ने कहा कि शिक्षक हमारे जीवन में मार्ग दर्शक के रूप में जीवन की सच्चाई से रूबरू कराता है एवं शिक्षक ज्ञान का सूर्य होता है जो समाज को अपने प्रकाश से उज्जवल कर देता है इसलिये सदैव गुरूजनों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने सभी छात्र छात्राओं से गुरू के बताएं मार्ग पर चलकर अनुशासन के साथ अपना लक्ष्य बनाकर उसे प्राप्त करने के लिये संघर्ष करने की अपील की। समारोह में एमडीएच के चैयरमेन महाश्य धर्मपाल गुलाटी ने वीडियों संदेश जारी करके सभी को सुभारती विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस एवं शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में सभी अतिथियों ने फाईन आर्ट कॉलिज की पत्रिका का भी विमोचन किया।

इन प्रस्तुतियो ने सभी का मन मोह लिया….

ललित कला की छात्रा शैफाली गोयल ने कत्थक प्रस्तुति दी, फॉर्मेसी कॉलिज विद्यार्थियों ने गणेश वंदना प्रस्तुत की, गृह विज्ञान की छात्राओं ने समूह नृत्य किया एवं योगा कॉलिज के छात्र छात्राआें ने योग प्रस्तुति देकर सभी को दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम का समापन वंदेमातरम गायन से हुआ। मंच का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार संकाय के प्राचार्य डा.नीरज कर्ण सिंह ने किया।

इनकी रही विशिष्ट उपस्थिति…..

सुभारती विश्वविद्यालय की संस्थापिका डा.मुक्ति भटनागर, कुलाधिपति श्रीमति स्तुति नाराण कक्कड़, कुलपति डा.एन.के आहूजा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज, वरिष्ठ कुलसचिव ई.पीके गर्ग, कुलसचिव डी.के सक्सैना, कर्नल एस.सी. त्यागी, सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा.हिरो हितो, सुभारती अस्पताल के एमएस डा. जेपी सिंह, डा.अभय एम शंकरगौड़ा, डा. ए.के श्रीवास्तव, डा. निखिल श्रीवास्तव, डा. प्रदीप राघव, डा.पिंटू मिश्रा, डा.वैभव गौयल भारतीय, डा. मनोज कुमार त्रिपाठी, कर्नल एन.के त्यागी, डा.भावना ग्रोवर, डा. यू.के सिंह, डा. मनोज कपिल, डा. आर.के मीना, असिस्टेंट डायरेक्टर पीपीडी ई.आकाश भटनागर, सुभारती मीडिया के सईओं डा. आरपी सिंह सहित सुभारती परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे एवं समारोह आयोजन समिति के तमाम सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।

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