वैशाखी पूनम : गंगा स्नान करने से मिलता है भूलोक और स्वर्गलोक के बराबर पुण्य

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वैशाख मास की पूर्णिमा की कितनी महिमा है !! इस पूर्णिमा को जो गंगा में स्नान करता है , भगवत गीता और विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करता है उसको जो पुण्य होता है उसका वर्णन इस भूलोक और स्वर्गलोक में कोई नहीं कर सकता उतना पुण्य होता है ये बात स्कन्द पुराण में लिखी हुई है | अगर कोई विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ न कर सके तो गुरु मंत्र की १० माला जादा कर ले अपने नियम से

वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करना चाहिए। ऐसा करने से कार्यों की बाधाएं दूर होती हैं और जातक को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। वैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन गंगा स्नान करें। अगर आप गंगा स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें। ऐसा करने से गंगा में स्नान करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।

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