रालोद थामेगा हाथ, दस सीटों पर बात

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प्रियंका गांधी के महासचिव बनते ही कांग्रेस यूपी में पैंतरे बदलने लगी है। निशाने पर भाजपा है लेकिन फिलहाल सपा-बसपा गठजोड़ में कांग्रेस सेंध लगा ली है। गठजोड़ के तीसरे साथी रालोद का हाथ पकड़ना तय है क्योंकि कांग्रेस ने मनपसंद दस सीटों का खुला ऑफर रालोद को दिया है।

रालोद नजदीकी सूत्रों के मुताबिक प्रियंका की सलाह पर पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आरएलडी नेता जयंत चौधरी से दो बार मुलाकत की है। कांग्रेस ने जतंय को यूपी में 10 और राजस्थान में 1 सीट देने का भरोसा दिया है। सिंधिया ने पश्चिममी उत्तर प्रदेश में कैराना, मुजफ्फरनगर, बागपत, मथुरा, बुलंदशहर, मेरठ समेत 10 सीटों पर आरएलडी के इकलौते विधायक को कांग्रेस पहले ही राजस्थान में मंत्री बना चुकी है। आरएलडी प्रमुख चौधरी अजीत सिंह सपा-बसपा-कांग्रेस के साथ लड़ने के पक्ष में हैं। पर आरएलडी से जुड़े सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने पहल करने में देरी कर दी है। आरएलडी ने फिलहाल सपा-बसपा का साथ छोड़ने से मना कर दिया है। आरएलडी को सपा-बसपा गठबंगन में मुजफ्फरनगर, बागपत और मथुरा की सीटें मिली हैं पर वह बुलंदशहर सीट की भी मांग कर रही है। बुलंदशहर सीट बसपा के कोटे में है और मायावती बुलंदशहर की सीट आरएलडी को देने के पक्ष में नहीं हैं। अगर मिल गई तो रालोद सपा-बसपा के साथ जा सकती है वरना वो कांग्रेस का हाथ थामेगी।

जयंत चौधरी ने भी बातचीत में स्वीकार किया कि हां हमारी मुलाकात हुई है। मुलाकातें तो होती रहती हैं। सपा-बसपा गठबंधन से भी हमारी बात चल रही है। गठबंधन में रहने या कांग्रेस के साथ जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकते। गठबंधन में सीटें तय हो गई हैं। हमारी अभी वार्ता चल रही है। सीट का कोई मुद्दा नहीं है, सीटे निकल आएंगी। हमारा मुख्य उद्देश्य बीजेपी को हराना है जिसके लिए सबको साथ आना है। समर्पण भी है, त्याग भी है। मगर सम्मानजनक होना चाहिए। कांग्रेस ने यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए महान दल से गठबंधन किया है।

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